विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं हो सकी लोकसभा की कार्यवाही, गुरूवार तक स्थगित

Update: 2021-07-20 11:15 GMT

नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी हंगामें के कारण लोकसभा में कोई कामकाज न हो सका और दो बार के स्थगन के बाद बैठक 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। मंगलवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने पेगासस कथित फोन जासूसी मामला, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा किया।

विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते और हाथों में तख्तियां लेकर आसन के समीप आ गए।पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने सदस्यों को वापस सीट पर लौटने का आग्रह किया, किंतु सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया। इस दौरान संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर पेश किये। सदन में शोरगुल और हंगामा बढ़ता देख सोलंकी ने बैठक गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोबारा किया हंगामा - 

इससे पहले, सदन की बैठक सुबह 11 बजे शुरु हुई । कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी सीट पर खड़े होकर नारेबाजी शुरु कर दी। विपक्षी सदस्य फोन जासूसी मामले, किसानों के मुद्दे और महंगाई से जुड़े मामलों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को शांत रहने की अपील की किंतु, नारेबाजी जारी रही। इस दौरान अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरु की। कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने सदन में हंगामें के बीच ही एक प्रश्न का उत्तर दिया। इस बीच, विपक्षी सदस्य तख्तियां लहराते हुए सदन के बीच आ गए। बिरला ने सदस्यों को तख्तियां लहराने को नियम के खिलाफ बताया। लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका असर न हुआ। नतीजतन बिरला ने बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

गुरूवार तक स्थगित - 

भोजनावकाश के बाद बैठक शुरु होने पर कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचों बीच आकर हंगामा करने लगे। इस कारण कार्यवाही में बाधा उत्पन्न होने लगी। हंगामें के बीच ही पीठासीन अधिकारी ने विभिन्न मंत्रालयों और संसदीय समितियों की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने कार्यवाही पूरी कराई। तत्पश्चात बैठक तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। तीन बजे बैठक शुरु होने पर हंगामा पूर्ववत जारी रहा। इस कारण बैठक गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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