Lucknow: काम करते - करते अचानक बेहोश होकर गिरी महिला बैंक कर्मी, संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

आनन फानन में महिला को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

Update: 2024-09-25 03:39 GMT

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एचडीएफसी बैंक की एक महिला कर्मचारी अचानक काम करते - करते बेहोश हो गई। आनन फानन में महिला को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की जांच की जायेगी। वहीं, इस पर पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा है।

क्या है पूरा मामला

मृतक की पहचान 45 साल की सदफ फातिमा के रूप में हुई है जो कि लखनऊ के ही वजीरगंज इलाके की रहने वाली थी। वह निजी बैंक HDFC के गोमतीनगर विभूतिखंड ब्रांच में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात थी। मंगलवार दोपहर 3 बजे वो अपना काम कर रही थी। तभी वह कुर्सी से नीचे गिर गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

काम के प्रेशर के चलते हुई मौत

फातिमा के ऑफिस में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों ने बताया कि यहां काम को लेकर काफी प्रेशर था। इसी कारण से फातिमा तनाव में रहती थी, जो हार्ट अटैक की वहज बनी। हालांकि इस पर अभी पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया।

अखिलेश यादव ने कही ये बात

वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा- "लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है। ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।"

अखिलेश यादव ने आगे लिखा "भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।"

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