कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए ठनी रार, खड़गे और थरूर ने शुरू किया प्रचार, पार्टी को मजबूत करने का बताया फॉर्मूला

Update: 2022-10-07 11:49 GMT

नईदिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खडगे और शशि थरूर ने प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। शशि थरूर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से समर्थन मांगते हुए कहा की अगर बीजेपी को हराना है तो पार्टी में नई जान फूंकनी होगी। वहीँ मल्लिकार्जुन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मैं के बजाय हमलोग की भावना से काम करने की सलाह दी।


कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव प्रचार के लिए अहमदाबाद पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजरात कांग्रेस पदाधिकारियों से समर्थन मांगते हुए कहा कि घर का चुनाव है, इसलिए वे यहां समर्थन मांगने आए हैं। खड़गे ने कहा कि चुनाव और संगठन में वे 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रयत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां चुनाव होगा, वहां सभी को एकसूत्र में बांधे रखने की कोशिश करूंगा। कांग्रेस नेता ने गांधी, नेहरू की विचारधार और सरदार की एकता की आवाज को आगे बढ़ाने की बात ही।उन्होंने कहा कि कई लोग गलत प्रचार कर रहे हैं कि रिमोट कंट्रोल प्रमुख है, परंतु कांग्रेस में रिमोट कंट्रोल की कोई व्यवस्था नहीं है। कांग्रेस में सभी मिलकर निर्णय करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में प्रधानमंत्री के पसंद के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है। खड़गे ने कहा कि सोनिया गांधी के पास प्रधानमंत्री बनने का अवसर था, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह का चयन किया।

शशि थरूर ने 2024 की जीत का बताया फॉर्मूला - 


वहीँ तमिलनाडु में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा, ''मेरा संदेश है, पार्टी में नई जान फूंकें, कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाएं, अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करें और लोगों से जुड़े। मेरा विश्वास है कि इससे कांग्रेस राजनीतिक रूप से 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का मुकाबला करने को तैयार होगी। इस दौरान उन्होंने अपना घोषणा पत्र भी जारी किया।  

थरूर के घोषणा पत्र की ख़ास बातें- 

  • राज्यों पदाधिकारियों में शक्ति/अधिकारों का विकेन्द्रीकरण,
  • बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाना
  • राज्य प्रभारी के रूप में काम करने वाले महासचिवों का उपयोग देश निर्माण से जुड़ी गतिविधियों लिए करना।
  • प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल सीमित कर उन्हें स्वायत्ता देना।  
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