Classical Language: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इन प्राचीन 5 भाषाओं को दिया क्लासिकल भाषा का दर्जा
मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान बड़ा फैसला लिया गया है जिसके अंतर्गत मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को ‘क्लासिकल भाषा’ का दर्जा दिया है।
Classical Language: आज गुरुवार को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान बड़ा फैसला लिया गया है जिसके अंतर्गत मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को ‘क्लासिकल भाषा’ का दर्जा दिया है। कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। बता दे कि इससे पहले, तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओड़िया को ये दर्जा प्राप्त था।
जानिए क्या कहा मंत्री अश्विनी वैष्णव ने
मोदी कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री वैष्णव ने कहा, "इस निर्णय का उद्देश्य इन भाषाओं के समृद्ध साहित्य और इतिहास को संरक्षित करना है, ताकि नई पीढ़ी भी इनकी महानता को समझ सके और इनका सम्मान कर सके। बताया जा रहा है कि, केंद्र सरकार ने भारत की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर को संरक्षित करने के लिए बड़ा कदम अच्छा कदम उठाया है।
जानिए इस फैसले के क्या मिलेगा फायदा
आपको बताते चलें कि, सरकार के इस फैसले से इन भाषाओं के लिए शोध, साहित्य और सांस्कृतिक गतिविधियों को हर स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा बताया जा रहा है कि,यह पहल भारत की भाषाई विविधता को संजोने और उनके महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। इस वजह से सरकार ने फैसला लिया है।
इस फैसले पर मंत्री मजूमदार ने कही बात
इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "आज एक ऐतिहासिक दिन है जब बांग्ला सहित कुल 5 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा केंद्रीय सरकार की कैबिनेट की ओर से कैबिनेट बैठक में दिया गया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, साधुवाद करता हूं। प्रधानमंत्री का बंगाली संस्कृति और बांग्ला भाषा को लेकर जो उच्च चिंतन है इससे वो प्रदर्शित होता है। पश्चिम बंगाल के हर एक बंगाली की तरफ से मैं प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पूरी कैबिनेट को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं... "