#InvestMP: देश के टॉप-3 एक्सपोर्ट स्टेट में शामिल होगा मप्र, ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की जरूरत
फोस्टरिंग एक्सपोर्ट्स फ्रॉम एमपी" सेशन में व्यापार संवर्धन पर हुआ मंथन
इंदौर। मध्यप्रदेश भविष्य में भारत के टॉप-3 एक्सपोर्ट स्टेट में शामिल होगा। मध्यप्रदेश से पिछले साल की अपेक्षाकृत ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ है। प्रदेश के इलेक्ट्रानिक उपकरण, इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, सोया, गेहूँ सहित कृषि, मसाला, कॉटन यार्न एवं अन्य क्षेत्रों में निर्यात के बेहतर अवसर होंगे।
यह बात केन्द्रीय अतिरिक्त सचिव और डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड संतोष सारंगी ने इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन गुरुवार को "फोस्टरिंग एक्सपोर्ट्स फ्रॉम एमपी" सेशन में निवेशकों से कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के एक्सपोर्ट में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए रॉ मटेरियल के स्थान पर फाइनल प्रोडक्ट पर फोकस करेंगे। कॉटन यार्न के स्थान पर फैब्रिक और अपेरल, सोयाबीन के स्थान पर सोयाबीन उत्पाद, मसाले, होम फर्निशिंग प्रोडक्ट और जेम्स और ज्वेलरी प्रदेश के एक्सपोर्ट में अहम भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने सभी निवेशकों से प्रदेश में निवेश कर विकास में भागीदार बनने का आग्रह किया।
प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश का वित्तीय वर्ष में 2021-22 में एक्सपोर्ट 58 हजार 407 करोड़ का रहा है। काबुली चना, सोयाबीन, फार्मा, टेक्सटाईल और कृषि उत्पादों में प्रदेश अग्रणी रहा है। मध्यप्रदेश से 200 से भी अधिक देशों में निर्यात होता है। इसमें अमेरिका, बांग्लादेश और चीन में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाता है। प्रदेश में नए उद्योग लगाने और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उत्पाद निर्मित करने की अपार संभावनाएँ हैं। राज्य शासन की नीतियाँ सभी निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए सदैव सहयोगात्मक रही है।
निवेशकों को मिलेगा बेहतर कानून-व्यवस्था और प्रौ-एक्टिव ब्यूरोक्रेसी का लाभ
"फोस्टरिंग एक्सपोर्ट्स फ्रॉम एमपी" सेशन में फ्लेक्सीटफ ग्रुप के सौरभ कलानी ने कहा कि मध्यप्रदेश के व्यापार को और अधिक संवर्धित करने के लिये 3-P-परफार्मेंस पॉलिसी और परसेप्शन पर काम करना होगा। प्रदेश में कानून-व्यवस्था बहुत अच्छी है। वर्क फोर्स की कमी नहीं है और यहाँ की ब्यूरोक्रेसी प्रौ-एक्टिव है। राज्य सरकार द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम से क्लीयरेंस हो रहा है। फास्ट डिसीजन लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट्स को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलती है तो निर्यात और अधिक बढ़ने की संभावनाएँ बढ़ेगी।
मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिये अनुकूल माहौल
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमेन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि मध्यप्रदेश का व्यापार संवर्धन में अत्यधिक सहयोगात्मक रूख रहा है। प्रदेश पॉवर सरप्लस स्टेट है। यहाँ रॉ मटेरियल की बहुतायत है। केन्द्र सरकार की मदद से एमएसएमई सेक्टर में बहुत अधिक प्रोग्रेस की जा सकती है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं, यहाँ आएँ और निवेश करें।
ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की जरूरत -
डीएमएल ग्रुप के प्रमोटर हरीश लखनी ने कहा कि मध्यप्रदेश को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करनी चाहिए। मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य हो रहा है। यहाँ टेक्सटाईल की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के साथ ही पार्टनरशिप के द्वारा कम्पनियाँ स्थापित कर प्रमोट करने की आवश्यकता है।
ऑटोमोबाईल और फार्मास्युटिकल में बेहतर अवसर -
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल और सीईओ अजय सहाय ने कहा कि मध्यप्रदेश ऑटोमोबाईल, फार्मास्युटिकल और वेल्यू एडीशन के क्षेत्र में बहुत बढ़िया कार्य कर रहा है। प्रदेश में 250 से अधिक फार्मास्युटिकल कम्पनियाँ काम कर रही हैं। यहाँ पर मेडिसन और आर्गेनिक प्रोडक्टस के क्षेत्र में व्यापक अवसर मौजूद हैं। सत्र में विशेषज्ञों ने निवेशकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।