निसर्ग चक्रवात : गुजर गया तूफान, महाराष्ट्र के रायगढ़ में उखड़े पेड़-खंभे, एक की मौत
मुंबई। निसर्ग चक्रवात के महाराष्ट्र के अलीबाग के पास रायगढ़ जिले में टकराने के चलते वहां तबाही का मंजर देखने को मिला। कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ कर जमीन पर गिर गए। जिसके चलते हजारों घरों में अंधेरा छा गया है जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि 85 बड़े पेड़ गिरे हैं जिनमें कुछ ने लोगों के घरों को भी क्षतिग्रस्त किया है जबकि 11 बिजली के खंभे को भी नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल ने कहा कि जैसे ही हवा की रफ्ताम कम होती है टीम नुकसान का आकलन करेगी। अलीबाग में एक 53 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार को उस वक्त मौत हो गई जब बिजला का खंभा ऊपर गिर गया। इधर, मुंबई में निसर्ग तूफान के खतरे को टलते देखने के बाद मुंबई एयरपोर्ट का ऑपरेशन 6 बजे शुरू करने का फैसला किया गया। पहले, इसे दोपहर ढाई बजे से 7 बजे तक बंद करने की घोषणा एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से कई गई थी।
चक्रवात निसर्ग के महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकराने के बाद बुधवार की दोपहर तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। बारिश अभी भी हो रही है लेकिन हवा की रफ्तार मुंबई में कम हो गई है। ऐसा माना जा रहा हैं कि मुंबई में निसर्ग तूफान से जिस तरह के खतरे का अंदेशा था वह टल गया है। हालांकि, रातभर तेज बारिश हो सकती है। इससे पहले, दिन में हवा की स्पीड 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। वर्ली-सी लिंक को बंद कर दिया गया।
रायगढ़ की जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि चक्रवात से रायगढ़ से 87 किलोमीटर दूर श्रीवर्धन का दिवे आगर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। कलेक्टर ने कहा, ''तेज हवाओं से श्रीवर्धन और अलीबाग में कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक 13,541 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात के मुंबई से 95 किलोमीटर दूर अलीबाग के पास पहुंचने की प्रक्रिया अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे आरंभ हो गई थी।
अमेरिका स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के वायुमंडलीय विज्ञान के एक प्राध्यापक एडम सोएबेल ने ट्वीट किया कि मुंबई कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पहले से संघर्ष कर रहा है और ऐसे में 72 वर्षों में पहली बार एक चक्रवात इस महानगर में आएगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि आखिरी बार एक प्रचंड चक्रवात 1891 में मुंबई में आया था लेकिन बुधवार को उन्होंने इसमें सुधार करते हुए कहा कि इस महानगर में 1948 में चक्रवात आया था।
-चक्रवाती तूफान निसर्ग के कारण महाराष्ट्र में रत्नागिरि के तट के पास फंसे हुए एक पोत से बुधवार को कम से कम दस नाविकों को बचा कर निकाला गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पोत को रत्नागिरी के मिरया बंदर क्षेत्र से देखा गया और उसे तट पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज्वार भाटे और भारी बारिश के कारण पोत मिरकवाड़ा के तट के पास चला गया था जहां से नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया।
- महाराष्ट्र में निसर्ग तूफान ने भारी तबाही मचाई है। 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे हवा की रफ्तार के चलते कई जगहों पर बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए। रायगढ़ में मकान की टिन की छतें चादरों की तरह हवा में उड़ती हुई दिखीं।
-महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि तूफान के चलते पावर लाइन्स और खंभों का काफी नुकसान पहुंचा है। महाराष्ट्र स्टेट इलैक्ट्रीसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ऑफिसर, कर्मचारी, कंट्रैक्टर और सिस्टम्स तैयार हैं। सभी सतर्क रहें और इस संकट से बाहर आएंगे।
-निसर्ग तूफान के चलते मुंबई एयरपोर्ट पर दोपहर ढ़ाई बजे से शाम 7 बजे तक विमानों की लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई है। 20 फ्लाइट्स शेड्यूल थीं जबकि 12 डिपार्चर और 8 अराइवल्स थे।
- महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार चक्रवात निसर्ग के बुधवार दोपहर राज्य में पहुंचने के मद्देनजर तटीय इलाकों के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। पवार ने कहा कि चक्रवात का प्रभाव कम होने तक लोग घरों से ना निकलें। पवार के हवाले से जारी बयान में कहा गया कि चक्रवात 'निसर्ग के महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग पहुचंने के मद्देनजर मुम्बई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिले के लोग सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं।
- साइक्लोन निसर्ग की वजह से महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। तेज हवाओं के चलने की वजह से कई इलाकों में पेड़ गिर गए। एनडीआरएफ ने अलीबाग में गिरे पेड़ की तस्वीरें शेयर की हैं।
- मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात निसर्ग के लैंडफॉल की प्रकिया शुरू हो गई है। अगले तीन घंटे में यह पूरी हो जाएगी। देखें अलीबाग का यह वीडियो...
- साइक्लोन निसर्ग के बीच रत्नागिरी में एक जहाज पर सवार 13 क्रू मेंबर्स को स्थानीय प्रशासन और मछुआरों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
- BMC द्वारा अब तक लगभग 10,480 लोगों को निकाला गया है और 30,000 से अधिक लोग अपने आप सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे हैं। बीएमसी ने 25 स्कूलों को भी शेल्टर होम बनाया है।
- महाराष्ट्र के अलीबाग पहुंचने वाला निसर्ग तूफान। पूरे इलाके में भारी बारिश और तेज हवाएं जारी हैं।
- महाराष्ट्र के रायगढ़ में चक्रवाती तूफान निसर्ग की वजह से जारी तेज बारिश के बीच कई जगह पेड़ उखड़ गए।
- मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान निसर्ग ने सुबह 11:30 बजे महाराष्ट्र के रायगढ़ में लैंडफॉल किया है। इसके बाद यह मुंबई और ठाणे की ओर बढ़ रहा है। तूफान के चलते इलाकों में जबरदस्त बारिश जारी है।
- मौसम विभाग की शुभांगी भूटे ने बताया कि निसर्ग तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान बन गया है। हवा की रफ्तार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। पूरे रायगढ़, मुंबई, ठाणे, पालघर में भारी से भारी वर्षा की संभावना है। आज दोपहर 1-4 बजे के बीच ये अलीबाग के दक्षिण में टकराएगा।
- महाराष्ट्र के ठाणे के निसर्ग तूफान आने से पहले उत्तन गांव में एनडीआरएफ की टीम।
- मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, निसर्ग तूफान एक गंभीर चक्रवात में तब्दील हो गया है। सुबह 5:30 बजे यह अलीबाग से 165 और मुंबई से 215 किलोमीटर दूर है। मंत्री ने लोगों से घरों में ही रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मछुआरे समुद्र की ओर न जाएं। वहीं, अगले कुछ घंटों में कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में भारी बारिश की आशंका है।
- महाराष्ट्र के रायगढ़ के तटीय इलाके में एनडीआरएफ की टीम
- साइक्लोन निसर्ग की वजह से महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमों को तैनात किया गया। मुंबई में आठ टीमें, रायगढ़ में पांच टीमें, पालघर में दो, ठाणे में दो, रत्नागिरी में दो और सिंधुदुर्ग में एक टीम को तैनात किया गया है।
- एनडीआरएफ ने दोनों राज्यों के तटीय जिलों में 33 टीमें तैनात की हैं। वहीं नौसेना के मुंबई ्सि्थत पश्चिम कमान ने भी अपनी सभी टीमों को अलर्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र, गुजरात के मुख्यमंत्रियों से बातकर मदद का भरोसा दिया।
- भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र और गहरा हो गया है। चक्रवात निसर्ग के बुधवार को देर शाम तक उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, अम्फान के मुकाबले निसर्ग थोड़ा कमजोर है, लेकिन आपदा प्रबंधन दल इसके लिए भी कमर कस चुके हैं। एनडीआरएफ के दल दोनों राज्यों में तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं। वे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
- तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होगी: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात निसर्ग के बुधवार को दक्षिण गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तट से होकर गुजरने का अनुमान है। उस समय 105 से 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। दक्षिण गुजरात और तटीय महाराष्ट्र में इस दौरान अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं, तेज हवाओं से सैकड़ों पेड़, बिजली के खंभों और दूरसंचार टावर उखड़ने की आशंका है।