Reliance Foundation: नीता अंबानी ने महिलाओं और बच्चों के लिए की बड़ी घोषणा, मुफ्त मिलेंगी ये सेवाएं...

Update: 2024-10-27 15:16 GMT

मुंबई: सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल ने अपनी 10वीं वर्षगांठ पर एक नई मुफ्त स्वास्थ्य सेवा योजना का शुभारंभ किया है। इस मौके पर रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष नीता मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि इस योजना का उद्देश्य वंचित समुदायों के एक लाख से अधिक बच्चों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।

इस योजना के तहत, जन्मजात हृदय रोग से प्रभावित 50,000 बच्चों की मुफ्त जांच और उपचार होगा। साथ ही, 50,000 महिलाओं को स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, 10,000 किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर के टीके मुफ्त में लगाए जाएंगे।

स्वस्थ समाज की ओर कदम

नीता अंबानी ने इस मौके पर कहा, "पिछले 10 वर्षों से सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल का उद्देश्य हर भारतीय के लिए सुलभ और सस्ती विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना है। हमने मिलकर लाखों लोगों के जीवन को छुआ है और अनगिनत परिवारों को उम्मीद दी है। इस नई स्वास्थ्य सेवा योजना का लक्ष्य समाज के सबसे वंचित वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना है। हमारा मानना है कि स्वस्थ महिलाएं और बच्चे किसी भी समृद्ध समाज की बुनियाद हैं।"

पिछले एक दशक में, सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल ने 27 लाख से अधिक लोगों की देखभाल की है, जिसमें 1.5 लाख से अधिक बच्चों का समुचित उपचार किया गया है। अस्पताल ने 500 से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए हैं और 24 घंटे के भीतर 6 अंगों का प्रत्यारोपण करके कई जीवन बचाए हैं।

अस्पताल की विशेषताएं

दक्षिण मुंबई में स्थित 360 बिस्तरों वाला यह अस्पताल JCI (संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय आयोग) और NABH से मान्यता प्राप्त है। अस्पताल की उच्च स्तरीय तकनीकी सुविधाओं और कुशल पेशेवरों के माध्यम से सस्ती और विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, यह मुंबई का सबसे बड़ा गोल्ड सर्टिफाइड ग्रीन अस्पताल है।

महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों पर फोकस

जन्मजात हृदय रोग भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो हर 100 में से 1 नवजात को प्रभावित करती है। इसी तरह, स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में तेजी से फैल रहा है, जो सभी महिला कैंसर का 25% से अधिक है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रारंभिक अवस्था में पहचान करने से कैंसर रोगियों की 5 साल तक जीवित रहने की संभावना 4.4 गुना अधिक होती है। 

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