'राफेल' की आंधी से चीन में हा-हाकार

Update: 2020-07-29 00:00 GMT

नई दिल्ली। फ्रांस की उच्च तकनीकी से निर्मित राफेल विमान बुधवार को भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन जाएगा। सोमवार को पांच राफेल विमान फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से उड़ान भरकर सात घंटे की यात्रा के बाद यूएई के एयरबेस पर पहुंचे। ये विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंच रहे हैं। विमानों के आगमन को लेकर जहां देशभर की निगाहें लगी हुई हैं, वहीं अंबाला में लोग इनके स्वागत के लिए बेसव्री से इंतजार कर रहे हैं। भीड़ जुटने की आशंका के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने एयरबेस परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक चैबंद कर दी है। अंबाला वायुसेना स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है।

इससे पहले कि पांचों विमान यूएई से अंबाला के लिए लंबी उड़ान भरते कि अबूधाबी के पास विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायुसेना की मदद ली गई। जानकारी हो कि पांच विमानों के जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले हैं।

भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में बढ़ोतरी हो जाएगी। यी दुर्लभ संयोग ही है कि राफेल ऐसे समय भारत आ रहा है जब गलवान घाटी में चीन के साथ तनातनी चरम पर है। माना जा रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के चलते इन्हें चीन सीमा पर तैनात किया जा सकता है। जहां वायुसेना संचालन क्षमताएं और मजबूत करना चाहती है।

अंबाला वायुसेना स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में लगाई गई धारा 144

अंबाला जिला प्रशासन ने अंबाला वायुसेना स्टेशन के आसपास के इलाके में धारा 144 लगा दी है। वहां आसपास किसी भी तरह की फोटोग्राफी वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही वहां चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी मनाही है। बुधवार (29 जुलाई) को भारत आने वाले राफेल विमानों को लेकर यह फैसला लिया गया है।

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