Jammu Kashmir CM Omar Abdullah: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की पहली सरकार, उमर अब्दुल्ला सीएम और सुरिंदर कुमार चौधरी बने डिप्टी CM

Update: 2024-10-16 06:18 GMT

उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ

Jammu Kashmir CM Omar Abdullah : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सुरिंदर कुमार चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सकीना इटू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद डार और निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, आप नेता संजय सिंह, सीपीआई नेता डी राजा और अन्य INDIA ब्लॉक के नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस सरकार से बाहर रहने को तैयार :

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले कहा कि, "कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्रालय में शामिल नहीं हो रही है। कांग्रेस ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार मांग की है, इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में इसका वादा किया है लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है। हम नाखुश हैं इसलिए फिलहाल हम मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं, जेकेपीसीसी प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी।"

इस तरह कांग्रेस जम्मू - कश्मीर सरकार का हिस्सा नहीं होगी और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर चुप है। चूंकि केंद्र शासित प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री सहित केवल 9 मंत्री हो सकते हैं, इसलिए उमर से उम्मीद की जा रही थी कि वह कांग्रेस के लिए एक कैबिनेट बर्थ आवंटित करेंगे, जिसने विधानसभा चुनावों में केवल छह सीटें जीती थीं।

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में हुए पहले विधानसभा चुनाव में, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 में से 42 सीटें जीतीं। इससे पहले उमर को सर्वसम्मति से एनसी विधायक दल का नेता चुना गया था। 2009 से 2014 तक उमर अब्दुल्लाह का मुख्यमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल भी एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के तहत था।

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