नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा का चौथा सत्र 14 सितंबर 2020 से शुरू होने जा रहा है। हालांकि, कोरोना महामारी के मद्देनजर संसद के दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की व्यवस्था से लेकर वहां की कार्यवाहियों में भी बदलाव किया गया है। इसी क्रम में प्रश्नकाल को भी दैनिक कार्यवाही की सूची से निकाल दिया गया है। संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा और निचले सदन लोकसभा, दोनों में प्रश्नकाल की कटौती से विपक्ष आग बबूला हो उठा है।
बता दें कि कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही से प्रश्नकाल को हटाने को लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज को कुचलने से जोड़ दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता महामारी के बहाने को लोकतंत्र और विरोध को कुचलने के हथियार की तरह इस्तेमाल करेंगे। संसद सत्र का नोटिफिकेशन ये बता रहा है कि प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर ये कितना उचित है?'
दरअसल, प्रश्नकाल हटाए जाने का मामला टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उठाया। उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, 'सांसदों को प्रश्नकाल के लिए संसद को 15 दिन पहले प्रश्न जमा करना जरूरी होता है। सत्र 14 सितंबर से शुरू है, इसलिए प्रश्नकाल रद्द किया गया? विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार से सवाल पूछने का अधिकार खो दिया। शायद 1950 से पहली बार? संसद के कामकाज के बाकी घंटे पहले की तरह ही हैं तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया? लोकतंत्र की हत्या के लिए महामारी का बहाना।'
वहीं, वहीं, कांग्रेस से राज्यसभा सांसद, केंद्रीय मंत्री और आईपीएल के चेयरमैन रहे राजीव शुक्ला ने प्रश्नकाल खत्म करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह कैसे संभव है? सभापति और अध्यक्ष से इस मामले में दखल देने का आग्रह करता हूं। प्रश्नकाल संसद की सबसे बड़ी ताकत है।' शुक्ला ने अपने ट्वीट में राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी टैग किया है।
ध्यान रहे कि मॉनसून सत्र के पहले दिन यानी 14 सितंबर को लोक सभा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक बैठेगी। बाकी दिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठक होगी।