नागपुर। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालात बहुत तेजी से सामान्य हो रहे हैं। राज्य में आतंकवाद समाप्त होने के कगार पर है। जल्द ही पंडितों की घर वापसी का रास्ता साफ होगा।
भारतीय शिक्षण मंण्डल की ओर से शनिवार को डॉ. जितेन्द्र सिंह का फेसबुक लाइव के जरिए व्याख्यान आयोजित किया गया था। इस अवसर पर 'अनुच्छेद 370 हटाने के बाद का कश्मीर' विषय पर अपने विचार रखते हुए डॉ. जितेन्द्र ने अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कहा कि हमे शायद इसलिए इतना इंतजार करना पड़ा कि परमात्मा को भी यही मंजूर था कि मोदीजी जैसा कोई महापुरुष धरती पर उतरे और ये पुण्य कार्य उनके हाथों से हो।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि अपने ही देश में शरणार्थी बनने को मजबुर हुए कश्मिरी पंडितों के जीवन में जल्द ही नया उजाला आने वाला है। बीते ढाई दशकों से घाटी में चल रहा आतंकवाद अब अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अंतिम सांसें गिन रहा है। आतंकी वारदातें थमने के बाद जल्द ही राज्य में सुरक्षा के माहौल में इजाफा होगा। केन्द्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि स्थितियां जल्द ही समान्य होंगी और ऐसा होते ही कश्मिरी पंडितों की घर वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. सिंह ने कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के बहुत सारे नेता बेरोज़गार हो गए हैं, जो अब झूठ और दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धारा 370 हमेशा के लिए ख़त्म हो गयी है। देश के सारे कानून अब जम्मू कश्मीर में भी लागू हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 72 साल बाद ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी के चुनाव हुए। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल जम्मू कश्मीर में सेल्फ रूल और ऑटोनोमी की बात करते थे, लेकिन लोकतंत्र को जमीन तक पहुंचाने के लिए वो कोई कदम नहीं उठाते थे। सेल्फ रूल और ऑटोनोमी इन राजनैतिक दलों के अपने लिए थी और लोगों के लिए नहीं। केंन्द्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि नॉर्थ इस्ट की तर्ज पर कश्मीर का विकास होगा। बीते कुछ वर्षों में जिस तरह से पूर्वोत्तर भारत को लाभ मिला, ठीक उसी तरह से कश्मीर और लद्दाख भी लाभान्वित होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने डोमिसाइल एक्ट पर अपने विचार रखते हुए कहा कि बीती 19 मई को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नया डोमेसाइल एक्ट लागू हो गया है। इस एक्ट के माध्यम से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3-ए जोड़ा गया है। इसके तहत राज्य/यूटी के निवासी होने की परिभाषा तय की गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसीजर) रूल्स 2020 को लागू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थानीय नागरिक प्रमाण पत्र (पीआरसी) की जगह डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, सफाई कर्मचारी और दूसरे राज्यों में शादी करने वाली महिलाओं के बच्चे भी अब डोमिसाइल के हकदार होंगे। इन सभी के लिए 15 वर्ष तक प्रदेश में रहने समेत अन्य श्रेणी की अनिवार्यता के नियम लागू होंगे।