आज से संसद सत्र शुरू, प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए स्पीकर की कुर्सी में नहीं बैठेगा विपक्ष, जानिए कारण
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को शपथ दिला दी है।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज यानी सोमवार को शुरू होने वाला है। इसकी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को शपथ दिला दी है। अब प्रोटेम स्पीकर सभी नव निर्वाचित सांसदो और पीएम मोदी को शपथ दिलाएंगे। शपथ की प्रक्रिया दो दिन चलेगी उसके बाद बुधवार को राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी।
पहले ही सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने भी प्लान बना लिया है। प्रोटेम स्पीकर के चुनाव को लेकर भी विपक्ष विरोध करेगा। इसके अलावा परीक्षा में गड़बड़ी, महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर सहित कई महान नेताओं की मूर्तियों के हटाने वाला मुद्दा भी उठाएगी। सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए INDIA ब्लॉक के वरिष्ठ सांसद स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
दरअसल, कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां प्रोटेम स्पीकर के चुनाव को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है बीजेपी ने परंपरा को तोड़कर 8 बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश की जगह 7 बार के भाजपा सांसद भ्रातृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया।
#WATCH दिल्ली: भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। pic.twitter.com/MASd34Pw7G
विपक्ष का अपमान कर रही सरकार
इसी मामले में कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने अपनी बात रखी, उन्होंने कहा एनडीए सरकार ने लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन किया है। अब तक परंपरा यह थी कि जो सांसद सबसे अधिक बार निर्वाचित होता है, वही प्रोटेम स्पीकर बनता है। भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद चुने गए हैं। जबकि मैं 8वीं बार सांसद चुना गया हूं। वे फिर से विपक्ष का अपमान कर रहे हैं।
प्रोटेम स्पीकर कभी मुद्दा नहीं रहा
विपक्ष के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया और कहा मैंने सभी नेताओं से मुलाकात की है। सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय संसद के इतने लंबे इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी मुद्दा नहीं रहा। क्योंकि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति मूल रूप से नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।