अब समय आ गया है कि खेती में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े : प्रधानमंत्री

Update: 2021-03-01 07:03 GMT

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बजट में कृषि के लिए किये प्रावधानों पर सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान कंट्रेक्ट फार्मिंग, फ़ूड प्रोसेसिंग, कृषि क्षेत्र में शोध पर जोर दिया प्रधानमंत्री ने कहा की आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी।

उन्होंने कहा हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का,प्रोसेस्ड फोड़ के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। हमें गांव के पास ही एग्रो इंडस्ट्रीज की संख्या बढ़ानी ही होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोजगार मिल सकें।ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है।

कृषि शोध में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े

खेती से जुड़ा एक और अहम पहलू सॉइल टेस्टिंग का है।  बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। अब हमें देश में सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है।एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है। अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े। हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे।

कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग लंबे समय से हो रही - 

उन्होंने कहा की हमारे यहां कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग लंबे समय से किसी न किसी रूप में की जा रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग सिर्फ व्यापार बनकर न रहे। बल्कि उस जमीन के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी हम निभाएं।किसानों को ऋण, बीज और बाजार, खाद ये किसान की प्राथमिक जरूरत है, जो उसे समय पर चाहिए। बीते वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड छोटे से छोटे किसानों तक, पशुपालकों से लेकर मछुआरों तक इसका दायरा बढ़ाया है।

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