दुनिया को आत्मनिर्भर भारत की ताकत से रूबरू कराना भारतियों का लक्ष्य : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एसोचैम के स्थापना सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले 27 साल उद्योग जगत के लिए महत्वपूर्ण हैं। आजादी के 100 साल पूरे होने पर दुनिया को आत्मनिर्भर भारत की ताकत से रूबरू कराना 130 करोड़ भारतवासियों का लक्ष्य है। उद्योग जगत के पास बेडिय़ां नहीं आसमान छूने की पूरी आजादी है। आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरी ताकत लगानी होगी। नई तकनीकी के तहत चुनौतियां भी आएंगी और उनके सरल समाधान भी मिलेंगे। आज समय है योजना बनाने की और उस पर त्वरित कार्रवाई करने की। लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए मिशन की तरह काम करना होगा।
एसोचैम फाउंडेशन वीक 2020 कार्यक्रम में टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रतन टाटा भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 2047 में देश आजादी के 100 साल पूरे करेगा। आज भारत की सफलता को लेकर दुनिया में जितनी सकारात्मक सोच बनी है उतनी पहले कभी नहीं रही। यह सकारात्मक सोच 130 करोड़ लोगों का भरोसा है। आगे बढऩे के लिए नए रास्ते बन रहे हैं। हर सेक्टर के लिए सरकार की नीति क्या है, रणनीति क्या है, पहले और अभी में क्या बदलाव आया है, बीते समय में विस्तार से चर्चा की गई है।
वाई इंडिया से वाई नॉट इंडिया का सफर किया तय-
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक जमाने में हमारे यहां जटिल परिस्थितियां थीं। टैक्स रेट उंचे थे, पहले रेगुलेशन और रूल्स का जाल था लेकिन आज लेबर कानून और नियमों को सरल किया गया है। पहले शिकायत होती थी, इनोवेशन का कल्चर नहीं है, लेकिन आज भारत के स्टार्टअप को देखकर विश्व का भरोसा बढ़ा है। पहले विश्व में भारत की छवि वाई इंडिया थी, अब बदलकर वाई नॉट इंडिया हो गई है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की मदद के लिए हर काम में सरकारी दखल खत्म किया गया है, विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। डिजीटल इकोसिस्टम बढऩे से भारत की ताकत बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि सरकार मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए रिफॉर्म कर रही है। पहली बार दस से ज्यादा सेक्टर को इंसेटिव के दायरे में लाया गया है। बेहतर कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक का सिस्टम तैयार किया गया है। लाखों एमएसएमई के लिए सरकारी कॉन्ट्रैक्ट में प्राथमिकता दी गई है। देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाला है। आज भारत के युवा स्टार्टअप दुनिया में अपना नाम बना रहे हैं।
स्टार्टअप को लास्ट माइल तक पहुंचाए उद्योग जगत-
एसोचैम का अहवान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग जगत के लोग स्टार्टअप का लाभ लास्ट माइल तक पहुंचाएं। इसके लिए उद्योगों के भीतर भी प्रोत्साहन की संस्कृति को विकसित करना होगा। जितना हैंडहोल्डिंग, सरकार से चाहते हैं उतना ही इंडस्ट्री के लिए महिला, युवा, छोटे उद्योग के लिए सुनिश्चित करना होगा। हमें कॉरपोरेट गर्वनेंस से लेकर प्रॉफिट शेयरिंग का बेहतर आधार पर बनाना होगा। इसके लिए आरएंडी यानी शोध के लिए एक निश्चित धनराशि रखी जानी चाहिए। लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए मिशन की तरह काम करना होगा। ग्लोबल क्षेत्र में आने वाली मांग को कैसे पूरा किया जाना है, इसके लिए प्रभावी योजना तैयार होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विदेश मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय और एसोचैम जैसे संगठनों के बीच बेहतर तालमेल आज समय की मांग है। ग्लोबल ट्रांस्फॉमेशन में तेजी से रिस्पांस करने के लिए प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले छह साल में 1500 से अधिक जटिल कानून खत्म कर दिए गए। छह महीने पहले किसानों के लिए बनाए गए नए कानून का लाभ अब उन्हें मिलना शुरू हो गया है।