प्रधानमंत्री ने माजुली और धुबरी पुलों की आधारशिला रखी, कहा - असम के लोगों की जिंदगी आसान होगी
नईदिल्ली। विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप असम के माजुली में गुरुवार को प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुत्र नद पर बनने वाले माजुली और धुबरी पुलों की आधारशिला रखने के लिए भूमि पूजन किया। साथ ही उन्होंने महाबाहु-ब्रह्मपुत्र परियोजना को लांच किया।
प्रधानमंत्री ने कहा की ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है।
असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजीकल और कल्चरल इंट्रीग्रिटी को बीते वर्षों में सशक्त किया गया है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का भी तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने वाला है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पू जन के साथ शुरु हो गई है। ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा। जिससे असम के लोगों की जिंदगी आसान होगी
स्वर्णीम अक्षरों में लिखा जाएगा -
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि माजुलीवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग आज पूरी हो रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य में नमामी ब्रह्मपुत्र और नमामी बराक योजना आयोजित किया गया था, तो बहुत लोगों ने इसकी आलोचना किया था, लेकिन आज उन दोनों योजनाओं के चलते वाटर वे से संबंधित कई योजनाएं आरंभ हो रही हैं, जिसके चलते राज्य के लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में माजुली और धुबरी में दो बड़े पुलों का निर्माण कार्य आरंभ होने जा रहा है, यह असम के इतिहास में स्वर्णीम अक्षरों में लिखा जाएगा।