प्रधानमंत्री ने 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की चर्चा, कहा - हर वेरिएंट पर रखनी होगी नजर
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वीत्तरा राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते आठ राज्यों के मुख्यमंत्रीयों से चर्चा की। जिसमें असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्री शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने बैठक में वहां के हालातों का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा की पूरा देश और विशेष तौर पर हमारे हेल्थ वर्कर्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए गत डेढ़ वर्ष से लगातार परिश्रम किया है। पूर्वोत्तर की भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से लेकर टीकाकरण का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है।कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हमें माइक्रो स्तर पर और सख्त कदम उठाने होंगे। इससे जिम्मेदारी तय हो सकती है।माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र पर पूरा जोर हमें लगाना है। पिछले 1.5 साल में जो अनुभव हमें मिले हैं। हमें उसका भी पूरा इस्तेमाल करना होगा।
भारी भीड़ चिंता का विषय -
उन्होंने कहा की कोरोना वायरस के हर वेरिएंट पर नज़र रखनी होगी क्योंकि ये बहरूपिया है। रोकथाम और उपचार बहुत जरूरी है, इन दोनों से जुड़े उपायों पर ही हमें हमारी पूरी शक्ति लगानी है। म्यूटेशन के बाद ये कितना परेशान करने वाला होगा, इस बारे में एक्सपर्ट्स लगातार स्टडी कर रहे हैं। ऐसे में Prevention और Treatment बहुत जरूरी है।ये सही है कि कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन आज मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशंस में, बाजारों में बिना मास्क पहने, भारी भीड़ उमड़ना चिंता का विषय है, ठीक नहीं है।
23,000 करोड़ रुपए का नया पैकेज -
प्रधानमंत्री ने आगे कहा की हमें टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है। हाल ही में इसके लिए कैबिनेट ने 23,000 करोड़ रुपए का एक नया पैकेज भी स्वीकृत किया है।नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य को इस पैकेज से अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में मदद मिलेगी। हमें विशेष रूप से ऑक्सीजन पर, पीडियाट्रिक केयर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए तेजी से काम करना होगा। पीएम केयर्स के माध्यम से देश में सैंकड़ों नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं।