परीक्षा पे चर्चा : प्रधानमंत्री ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, बताया कैसे कम करें तनाव

Update: 2023-01-27 06:54 GMT

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बोर्ड के छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' चर्चा की।  देश-विदेश के 38 लाख से अधिक विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक शामिल हु । प्रधानमंत्री नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सभी से वर्चुअल संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं... मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है।परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें रखना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ 'सामाजिक स्थिति' बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।यदि आप बेहतर करते हैं, तो आपके आस-पास से और भी बेहतर करने का संभावित दबाव है। इससे कोई बचा नहीं है।



आपकी तरह हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है; चुनावों के उत्कृष्ट परिणाम हमेशा 'अधिक उत्कृष्ट' होने की अपेक्षा की जाती है। तो, चिंता मत करो; बस तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें।आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा... चारों तरफ से दबाव होता है लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए?ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें।अपने भीतर देखो; आत्मनिरीक्षण के लिए जाओ!आपको अपनी क्षमता, अपनी आकांक्षाओं, अपने लक्ष्यों को पहचानना चाहिए; और फिर उन्हें उन अपेक्षाओं के साथ जोड़ने का प्रयास करें जो अन्य लोग आपसे कर रहे हैं।दबाव के दबाव में न रहें! सोचें, विश्लेषण करें, कार्य करें और फिर जो आप चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

 उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार है जैसे एक क्रिकेट खिलाड़ी अपने केवल खेल पर ध्यान देता है न कि आसपास के शोर-शराबे पर।प्रधानमंत्री ने इस दौरान बच्चों से समय प्रबंधन के महत्व पर अपनी मां से इस बारे में सीखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक मां पर कई तरह के काम का दबाव होता है और उसे कैसे मैनेज करती है इसको उन्हें ध्यान से देखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने बच्चों के माता-पिता से कहा कि वह अपने बच्चों से उनकी क्षमता के अनुरूप ही अपेक्षाएं रखें। अगर सामाजिक दबाव के चलते बच्चों से अपेक्षाएं रखी जाएंगी तो समस्या पैदा होगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। वहीं बच्चों को अपनी क्षमताओं को कम कर नहीं आंकना चाहिए।प्रधानमंत्री ने इससे पहले 'परीक्षा पे चर्चा' पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक 'परीक्षा पे चर्चा' के इस संस्करण में शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराकर रिकॉर्ड बनाया है। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 15 लाख अधिक है।

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