नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश की राजनीति और समाज जीवन हमेशा आध्यात्मिक चेतना से औत-प्रौत रहा है। धर्मगुरुओं और आध्यात्मिक पुरुषों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा दी थी तथा इसमें भाग लिया था। भारत की विकास यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि हमें स्वराज के साथ ही सुशासन पर भी जोर देना है। सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें स्वदेशी का मंत्र दिया था। आज उसी भाव में देश ने अब 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' शुरू किया है। आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार एवं उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए मंगलवार को यहां कहा कि बनारस देश के विकास को नई दिशा दे रहा है। उन्होंने कहा कि 2014-15 की तुलना में 2019-20 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर बेटियों को शिक्षित कर उनका कौशल विकास करने और सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखने के संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के स्वराज का स्मरण कराते हुए कहा कि 'सुराज' (सुशासन) भारत के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि 'स्वराज'। उन्होंने कहा कि हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है। ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान, कला, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है। जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है। आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है। काशी के कौशल को नई ताकत मिल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नई सुविधाओं के साथ काशी मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है। काशी के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री कल देर रात शहर की प्रमुख विकास परियोजनाओं के निरीक्षण करने के लिए निकले थे। उन्होंने बनारस में हो रहे विकास कार्यों में अपनी निरंतर भागीदारी का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहते हुए भी उनका प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति दें।
वाराणसी में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गौदोलिया में सुंदरीकरण का काम देखने योग्य है। वहां के लोगों से उनकी बातचीत भी हुई है। मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन को भी वह रात्रि में देखने गए थे। इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है। पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण कर बनारस देश को नई दिशा दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देशवासियों से दो संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इनमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि हो और देश के मनोरथ भी शामिल है। दो संकल्प हैं कि बेटियों को शिक्षित कर उनका कौशल विकास किया जाए और सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखा जाए। इन संकल्पों को हम अगले दो साल में गति देकर मिलकर पूरा कर सकते हैं।प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका कौशल विकास भी करना है। अपने परिवार के साथ-साथ समाज की ज़िम्मेदारी भी उठानी है और एक या दो गरीब बेटियों के कौशल विकास की भी जिम्मेदारी उठानी है।उन्होंने कहा कि हम पानी बचाने का संकल्प लें। हमें अपनी नदियों जैसे गंगा और बाकी भी सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है।