नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात 'यास' से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। उन्होंने अधिकारियों को अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों की समय पर निकासी सुनिश्चित करने के साथ-साथ बिजली और संचार नेटवर्क को बाधित न करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज चक्रवात के कारण प्रभावित न हो।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से चक्रवात यास से निपटने के लिये की गई तैयारियों की जानकारी ली। पीएम को बताया गया कि एनडीआरएफ ने 46 टीमों को पहले से तैनात किया है जो 5 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं। इसके अलावा, 13 टीमों को आज तैनाती के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है और 10 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ही, दूरसंचार, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, भूगर्भ विज्ञान मंत्रालयों के सचिव शामिल रहे। जानकारी के मुताबिक, मोदी ने तैयारियों की समीक्षा के साथ ही अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए कि चक्रवात की वजह से होने वाले जानमाल की सुरक्षा के लिये पुख़्ता कदम उठाए जाएं। जिन राज्यों में इस चक्रवाती तूफान का प्रभाव पड़ने वाला है वहां के सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के साथ केंद्र के अधिकारी बराबर संपर्क में रहें। इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
दरअसल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जारी कर कहा है कि चक्रवात यास के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।