रामनाथ कोविंद ने की मां नर्मदा की महाआरती, ऐसा करने वाले पहले राष्ट्रपति

Update: 2021-03-06 14:54 GMT

जबलपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्‍द आज नर्मदा नदी के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की महाआरती में शामिल हुए।  इस आरती में शामिल होने वाले वे पहले राष्ट्रपति है।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी उपस्थित रहीं।  

इससे पहले राष्ट्रपति ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम में भी शामिल हुए। राष्ट्रपति ने कहा मध्य प्रदेश सहित पश्चिमी भारत की जीवन रेखा और जबलपुर को विशेष पहचान देने वाली पुण्य-सलिला नर्मदा की पावन धरती पर, आप सबके बीच आकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। जाबालि ऋषि की तपस्थली और रानी दुर्गावती की वीरता के साक्षी जबलपुर क्षेत्र को भेड़ाघाट और धुआंधार की प्राकृतिक संपदा तथा ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक धरोहर प्राप्त है। शिक्षा, संगीत एवं कला को संरक्षण और सम्मान देने वाले जबलपुर को, आचार्य विनोबा भावे ने 'संस्कारधानी' कहकर सम्मान दिया और वर्ष 1956 में स्थापित, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायपीठ ने जबलपुर को विशेष पहचान दी। यह कार्यक्रम, देश की सभी राज्यन्यायिक अकादमियों के बीच, सतत न्यायिक प्रशिक्षण के लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया को साझा करने का यह सराहनीय प्रयास है। इसलिए, राज्य न्यायिक अकादमियों के निदेशकों के इस अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है।

इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे राज्य के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका से जुडक़र देश की सेवा करने का अवसर मिला। मुझे खुशी है कि मेरे सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में कार्य करते हुए अपने निर्णयों का अनुवाद, नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया। इस प्रयास से जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं। मैं चाहता हूं कि सभी उच्च न्यायालय, अपने-अपने प्रदेश की अधिकृत भाषा में, जन-जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों से जुड़े निर्णयों का प्रमाणित अनुवाद, सुप्रीम कोर्ट की भांति उपलब्ध व प्रकाशित कराएं। ताकि भाषायी सीमाओं के कारण वादी-प्रतिवादियों को निर्णय समझने में असुविधा न हो।


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