मेड इन इंडिया के साथ, हमने वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने तेजपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तेजपुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय को ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत का विशेष रूप से जिक्र किया।प्रधानमंत्री ने कहा की हमारे खिलाड़ियों में अनुभव कम था लेकिन हौंसला बुलंद था, इसलिए इतिहास रच दिया।
आज 1200 से ज्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है। आपके शिक्षक, आपके माता पिता के लिए भी आज का दिन बहुत अहम है। सबसे बड़ी बात आज से आपके करियर के साथ तेजपुर विश्वविद्यालय का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है। मुझे यकीन है कि आपने तेजपुर विश्वविद्यालय में जो कुछ सीखा है वह इस क्षेत्र और भारत की प्रगति को तेज करेगा।
आपने जो सीखा है वो असम की प्रगति को, देश की प्रगति को नई ऊंचाई देगा। इस भरोसे की कई वजह भी हैं।
- एक तेजपुर के इस ऐतिहासिक स्थान से मिलने वाली प्रेरणा।
- दूसरा- विश्वविद्यालय में आपका काम बहुत उत्साह जगाने वाला है।
- तीसरा- पूर्वी भारत के सामर्थ्य पर, राष्ट्र निर्माण के लिए यहां के लोगों के प्रयासों पर मेरा ही नहीं देश का भी अटूट विश्वास है।
हमारा राष्ट्र इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। असम के असंख्य लोगों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है। अब, यह आप पर है कि आप एक आत्मानुभव भारत के लिए अपने जीवन का उपयोग करें।आपके जमीनी स्तर के नवाचारों में 'स्थानीय लोगों के लिए मुखरता' को जोड़ा जाता है। ये नवाचार स्थानीय समस्याओं को सुलझाने में मदद कर रहे हैं और इस प्रकार, विकास के नए द्वार खोल रहे हैं।
कोरोना इके दौरान आत्मनिर्भर भारत हमारी शब्दावली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। इसने हमारे सपनों में हस्तक्षेप किया है। हम अपनी सभी आशाओं और प्रयासों का अनुभव कर सकते हैं। बदलाव क्या है? क्या यह केवल संसाधनों या भौतिक अवसंरचना में बदलाव या आर्थिक बदलाव हो सकता है? हां, ये परिवर्तन हैं, लेकिन सबसे बड़ा परिवर्तन सहज है। यह क्रिया और प्रतिक्रिया में परिप्रेक्ष्य का परिवर्तन है। यह है कि हमारा युवा देश हर चुनौती का सामना कर रहा है।
भारत ने त्वरित, सक्रिय निर्णय लिए और समस्या के बढ़ने का इंतजार नहीं किया। मेड इन इंडिया समाधानों के साथ, हमने वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया और हमारे स्वास्थ्य ढांचे में सुधार किया।