केंद्र सरकार ने पंजाब को भेजे वेंटिलेटर कमरे में बंद, राज्य सरकार ने नहीं किया उपयोग, जरूरतमंद परेशान

Update: 2021-05-12 11:44 GMT

चंडीगढ़/वेब डेस्क। कोरोना संकट मि इस घड़ी में सभी राज्यों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी लगातार सामने आ रही है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार सभी राज्यों की उनकी मांग के अनुसार मेडिकल उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। कई राज्यों में इनका समुचित उपयोग किया जा रहा है, वहीँ कई राज्यों में केंद्र द्वारा भेजे जा रही मेडिकल सुविधाओं को कबाड़ में डाल स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का राग अलापा जा रहा है।  

पंजाब के गुरुगोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज से ऐसा ही एक दृश्य सामने आया है, जहां पीएम केयर फंड से भेजे गये वेंटिलेटर कबाड़ में पड़े दिख रहे हैं। वहीँ राजस्थान में भी केंद्र सरकार द्वारा जो वेंटिलेटर पीएमकेयर फंड से भेजे गये थे। उन्हें राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को किराए पर सौंप दिया है। पंजाब सरकार अपनी गलती को छिपाने के लिए इन्हें खराब बता रही है। सरकार का दावा है की केंद्र द्वारा भेजे गए 80 में से 71 वेंटिलेटरों में तकनिकी खराबी है, जिसके कारण इन्हें उपयोग में नही लिया जा सकता। 

राजस्थान में आय का साधन बनाया - 

राजस्थान सरकार ने पंजाब सरकार से एक क़दम आगे बढ़ते हुए केंद्र से मिले वेन्टीलेटरों को आय का साधन बना लिया है। पीएम केयर फंड से जो वेंटिलेटर गरीब और आम जनता को राहत फ देने के लिए भेजे गए है, उन्हें निजी अस्पालों को सौंप किराया वसूला जा रहा है। ये राज्य सरकारें केंद्र से मिली मदद को कबाड़ में डाल और किराए पर देकर जनता के सामने झूठा विलाप कर रही है। ताकि वे कमी दिखा केंद्र की राजनीति में जगह बनाने के लिए जमीन तैयार कर सकें। इन राज्यों में पर्याप्त संसाधन होने के बाद भी लाभ ना मिलने के कारण जनता मर रही है और गांधी परिवार के चुनिंदा 3 सदस्य ट्वीट कर करके केंद्र को सलाह देने और कटाक्ष करने में व्यस्त हैं।

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