दादी इंदिरा ने की लोकतंत्र की हत्या, राहुल दे रहे ट्विटर पर ज्ञान, लोगों ने पूछे तीखे सवाल
नईदिल्ली। देश के राजनीतिक इतिहास में 25 जून 1975 सबसे काला दिन माना जाता है। इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। आज उसी तारीख पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्विटर पर लोकतंत्र की महत्ता का बखान कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी की फोटो के साथ लोकतंत्र की मजबूती को लेकर पोस्ट किया गया है। ट्वीट में लिखा है कि "लोकतंत्र का मतलब विकेंद्रीकृत शक्ति और बहस है। यह संस्थाएं हैं जो सरकार को जवाबदेह रखती हैं। यह लोगों के कल्याण के प्रति सरकार का कर्तव्य है, न कि इसके विपरीत।" इस ट्वीट में पार्टी ने हैशटैग के साथ 'कांग्रेस के विचार' को भी जोड़ा है।
आपातकाल के समय क्या सोच -
कांग्रेस पार्टी अपने इस ट्वीट के साथ जहां केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेने में लगी है। वहीं, सोशल साइट्स पर कांग्रेस की भी किरकिरी हो रही है। ट्विटर यूजर सवाल कर रहे हैं की आज कांग्रेस को लोकतंत्र की चिंता है लेकिन तब पार्टी का क्या मत था, जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। जब पूरे देश को जेल बना दिया गया था। हजारों राजनेताओं को जेल की सलाखों के पीछे डाला गया। तब कांग्रेस को लोकतंत्र और लोगों की चिंता नहीं थी क्या? राहुल गांधी जो आज लोकतंत्र की रक्षा की दुहाई दे रहे है, वे बताएं की उनकी पार्टी और दादी ने निजी स्वार्थ के लिए देशवासियों की जिंदगी को दूभर क्यों बनाया ? क्या वे उसे लोकतंत्र की हत्या मानते है ?