स्वागत से अभिभूत तो हुए राहुल, लेकिन कौन होगा कांग्रेस से सीएम उम्मीदवार ? सस्पेंस बरकरार
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत, दिग्गी, अरुण यादव, अजय सिंह, भूरिया की अनुपस्थिति रही चर्चा में
ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ऐतिहासिक स्वागत करने के लिए कार्यकर्ताओं से की गई ज्योतिरादित्य सिंधिया की अपील काम कर गई। हजारों की भीड़ ने ग्वालियर चम्बल में राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया और राहुल को ये सन्देश दिया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो सिंधिया ही सीएम हो। उधर विरोधी खेमे को सिंधिया की एक छत्र राज वाली छवि नहीं पची। यहाँ दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह, भूरिया जैसे बड़े नेताओं की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी रही।
प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को ग्वालियर, दतिया, डबरा, सबलगढ़, जौरा और मुरैना में सभाएं और रोड शो कराकर अपनी ताकत का प्रमाण 15 और 16 अक्टूबर को दे दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर राहुल गांधी भी गदगद हो गए। सांसद सिंधिया ने ग्वालियर के मंच से मुट्ठी बांधकर और पूरे जोश के साथ हाथ हिलाकर मुस्कराहट के साथ ये सन्देश दिया कि वे भी इस स्वागत सत्कार से प्रसन्न हैं। लेकिन इस बीच कुछ नाराजगी भी सामने आई, अपने पराये की बात भी सामने आई। कुछ नेताओं को राहुल गांधी से मिलवाया गया कुछ मन में मलाल लेकर ही बैठे रहे। आरोप लगे कि सिंधिया ने अपने खासमखास लोगों को ही राहुल गांधी से मिलवाया। हालांकि सूचना ये भी है कि 200-250 लोगों को सांसद सिंधिया ने जयविलास पैलेस परिसर में राहुल गांधी से मिलवाया।
उधर ग्वालियर, दतिया और डबरा के मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , सांसद कांतिलाल भूरिया की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो सिंधिया के प्रभाव वाली इन जगहों पर कांग्रेस के बड़े नेताओं की अनुपस्थिति कहीं उल्टा असर ना कर जाये। और फिर इन जगहों पर राहुल गांधी के सामने अबकी बार सिंधिया सरकार के नारे भी सिंधिया की माइनस मार्किंग की तरफ इशारा कर रहे हैं। ये बात अलग है कि श्योपुर और मुरैना जिले के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया दिखाई दिए लेकिन अजय सिंह और अरुण यादव फिर भी नहीं दिखे।
सूत्र बताते हैं कि दो दिवसीय दौरे के दौरान राहुल गांधी उस नेता या पदाधिकारी से ही मिल पाए जिसे सिंधिया ने मिलवाना चाहा। विरोधी खेमा इस पर भी बराबर नजर बनाये रहा। ग्वालियर में एक बड़ी बात और देखने को मिली वो ये कि दिग्विजय सिंह के समर्थक नेता पूरे एपिसोड में तटस्थ बने रहे। उन्होंने अपने नेता दिग्विजय सिंह के ना तो कट आउट लगवाये ना ही पोस्टर बैनर। कट आउट बैनर के मामले में कमलनाथ का चेहरा भी कम दिखाई दिया। सूत्र बताते हैं कि ऐसा कांग्रेस के स्थानीय बड़े नेताओं से मिले निर्देश के चलते ऐसा किया गया। बताया ये भी जा रहा है कि दिग्विजय समर्थक नेताओं में से कुछ विधानसभा टिकट के दावेदार भी है और वे जानते हैं कि बिना सिंधिया की मर्जी के टिकट मिलना संभव नहीं है।
कुल मिलाकर राहुल गांधी का ग्वालियर चम्बल संभाग का दो दिवसीय दौरा दूसरे दलों को सचेत कर गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जौरा में साफ कहा कि कमलनाथ का अनुभव और सिंधिया की उर्जा प्रदेश की तस्वीर बदलेगी। लेकिन कौन होगा कांग्रेस से सीएम उम्मीदवार ? इस विषय पर कुछ नहीं बोले, लेकिन सांसद सिंधिया को भी सोचना होगा कि एकला चलो रे की नीति और दूसरे बड़े नेताओं की उपेक्षा हुई तो कुर्सी उनकी जगह कमलनाथ को भी जा सकती है। क्योंकि जैसा प्रभाव ग्वालियर अंचल में उनका है वैसा ही छिंदवाड़ा अंचल में कमलनाथ का है। और फिर उनकी भी साफ छवि के चलते सभी नेताओं का समर्थन भी उनको मिल जायेगा।