प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं के लिए मेटरनिटी लीव पर कोर्ट का बड़ा फैसला

Update: 2024-09-10 13:15 GMT

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Rajasthan High Court on Working Women Maternity Leave : ​प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाली वर्किंग वुमन के लिए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा- कोई भी वर्किंग वुमन (कामकाजी महिला) 180 दिन के मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) की हकदार है। यह महत्वपूर्ण निर्णय राजस्थान उच्च न्यायालय ने दिया है। न्यायमूर्ति अनुप कुमार धन ने केंद्रीय और राजस्थान सरकार को निर्देश दिया कि वे सभी अनधिकृत और निजी क्षेत्रों को आदेश और दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि उनकी नीतियों को संशोधित किया जा सके और उनकी महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जा सके।

महिला कर्मचारी ने राज्य सड़क परिवहन निगम के खिलाफ दायर की याचिका

दरअसल, राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (RSRTC) की एक महिला कर्मचारी को केवल 90 दिन का मातृत्व अवकाश मिला। इस पर महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की कि उसे 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने यह निर्णय दिया है। इस मामले में RSRTC ने जवाब में कहा कि राज्य-स्तरीय नियमावली ने उसके कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश को 90 दिन तक सीमित कर दिया है।

याचिकाकर्ता महिला को मिली राहत

न्यायालय ने इसको भेदभावपूर्ण करार दिया और याचिकाकर्ता को राहत प्रदान करते हुए राज्य को आदेश दिया कि उसे 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाए। न्यायालय ने कहा, "यदि समय की समाप्ति के कारण 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करना संभव नहीं है, तो उत्तरदाताओं को याचिकाकर्ता को अतिरिक्त 90 दिन की वेतन भुगतान के रूप में मुआवजा देने का निर्देश दिया जाता है।"

कोर्ट की टिप्पणी

न्यायालय ने कहा कि RSRTC की 1965 की कर्मचारी सेवा नियमावली के तहत केवल 90 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करना, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायालय ने कहा कि 1965 की नियमावली के अनुसार मातृत्व लाभ अधिनियम, 2017 के संशोधनों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें सभी महिला कर्मचारियों को, चाहे वे संगठित या असंगठित क्षेत्र में हों, मातृत्व लाभ का अधिकार दिया गया है। न्यायालय ने यह भी कहा कि मातृत्व अवकाश न केवल महिला के लिए बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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