नईदिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन के के खिलाफ हुए हंगामे के चलते 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हो गई है।अभी राज्यसभा में प्रश्नकाल चल रहा है।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज सदन में सभापति से अनुरोध किया कि वह 12 सांसदों का निलंबन वापिस लें। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के साथ मिलकर सदन चलाना चाहता है। वही सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि बार-बार निलंबन का मुद्दा उठाकर विपक्ष सदन को सुचारू कामकाज करने से रोक रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा से निलंबित 12 सांसद अगर माफी मांग लें तो उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा।संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में जोशी ने कहा कि निलंबित सांसदों का निलंबन वापस लेने के सरकार तैयार है, अगर वे सभी सांसद सदन में सभापति से माफी मांग लें तो उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा।संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि बीते मंगलवार को भी उन्होंने कहा था कि 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने निलंबित सांसदों से अनुरोध किया कि वे माफी मांग लें क्योंकि उन्होंने एक गंभीर गलती की है।
ये सांसद निलंबित -
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को राज्यसभा से 12 सांसदों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। पिछले मानसून सत्र में सदन में अनियंत्रित व्यवहार और आसन की मर्यादा का उल्लंघन करने और सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी की वजह से इन सासंदों को निलंबित किया गया। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के 6, शिवसेना के 2, तृणमूल कांग्रेस के 2, माकपा और भाकपा के एक-एक सांसद शामिल हैं।
संसद भवन के नीचे धरना -
सांसद संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरनारत हैं। उनका कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निलंबित किया गया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गत सोमवार को सभापति एम. वेंकैया नायडु से मुलाकात कर 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग की थी।सदस्यों के निलंबन के कारण उच्च सदन में गतिरोध लगातार जारी है। विपक्षी सदस्यों के हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही सुचारू ढ़ंग से नहीं चल पा रही।