RBI ने लांच किया 'डिजिटल रुपया', जानिए कैसे कर पाएंगे उपयोग, कितनी बदल जाएगी भुगतान प्रणाली
नईदिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ने आज से डिजिटल करेंसी की शुरूआत कर दी। इसी के साथ देश को पहली वर्चुअल करेंसी मिल गई। ये करेंसी अभी हॉलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी की गई है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार इस करेंसी से देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत मिलेगी। साथ ही इससे भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी। डिजिटल रूपी का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा।
इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए 9 बैंकों को जोड़ा गया है। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ़ इण्डिया, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक शामिल है।
क्या होती है डिजिटल करेंसी -
डिजिटल करेंसी बैंक द्वारा जारी वर्चुअल नॉटस होते है। जिनका उपयोग ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए किया जाता है। मतलब साफ़ है की ये नोट्स फिजिकल नोट्स की तरह इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद होते है।डिजिटली करेंसी दो प्रकार की होती है -
रिटेल -
पहली रिटेल जोकि सभी आमजनों के लिए उपलब्ध होती है। इसके जरिए लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार सामान खरीद सकते है।
होलसेल -
दूसरा प्रकार होलेसल इसका उपयोग बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है। होल सेल करेंसी का आम लोग इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
ऐसे कर पाएंगे उपयोग -
रिजर्व बैंक द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार , डिजिटल करेंसी भुगतान का एक माध्यम होगा। जोकि सभी नागरिकों, व्यावसायिक संस्थानों को एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी कीमत लीगल टेंडर नोट के बराबर होगी। जिस प्रकार आप फिजिकल मुद्रा को अपनी जेब या पर्स में रखते है ठीक उसी प्रकार इस डिजिटल करेंसी को अपने ई-वॉलेट में रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। डिजिटल रुपी को यूपीए से भी जोड़े जाने की तैयारी है।
डिजिटल करेंसी के लाभ -
रिजर्व बैंक की इस पहल को बेहद लाभकारी बताया जा रहा है। डिजिटल करेंसी के प्रचलन में आने के बाद भुगतान की सुविधा बढ़ जाएगी। साथ ही लोगों को अपने पास नकद रखने की जरुरत नहीं होगी। इस करेंसी के सर्कुलेशन को पूरी तरह रिज़र्व बैंक कंट्रोल करे। जिसके कारण धोखाधड़ी और घोटालों पर निगरानी रहेगी।