अमेरिका में ग्वालियर का नाम रोशन कर रही हैं रेणु खटोड़

  • ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी की चांसलर से स्वदेश की विशेष बातचीत
  • अरुण शर्मा

Update: 2021-03-27 17:48 GMT

ग्वालियर, न.सं.। प्रकृति का नियम है कि वह हर मेहनत करने वाले को फल प्रदान करती है। प्रकृति के साथ जब भाग्य भी साथ दे तो इंसान बड़ी से बड़ी ऊँचाईयों को छू लेता है। इन्हीं में से एक हैं डॉ. रेणु खटोड़ जो भारतीय मूल की होने के साथ वर्तमान में ह्यूस्टन यूनिवॢसटी, अमेरिका की चांसलर एण्ड प्रेसीडेंट हैं। डॉ. रेणु खटोड़ ग्वालियर शहर की बहु हैं और अमेरिका में उच्च पद पर आसीन होकर शहर का नाम रोशन कर रही हैं। डॉ. रेणु खटोड़ जिस पद पर आसीन हैं, वह भारत देश में एक राज्यपाल पद के बराबर है। रेणु खटोड़ जिस यूनिवॢसटी में कार्यरत हैं उसमें उनके नीचे 07 एटॉर्नी जनरल, 20 डायरेक्टर और पूरा बोर्ड है। इस यूनिवॢसटी में 75 हजार विद्यार्थी आर्ट, म्यूजिक, साइंस, इंजीनियरिंग एवं मेडीकल आदि विषयों की पढ़ाई करते हैं। यूनिवॢसटी को संचालित करने के लिए रेणु खटोड़ को सरकार की तरफ से चार से पांच हजार करोड़ का फंड भी मिलता है।

भारतीयों को मिलेंगी नौकरियां:-

स्वदेश से विशेष चर्चा करते हुए ह्यूस्टन यूनिवॢसटी, अमेरिका की चांसलर एण्ड प्रेसीडेंट डॉ. रेणु खटोड़ ने बताया कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन (जो बाइडेन ) बेहद सूझ-बूझ के साथ निर्णय ले रहे हैं, जिसमें वह 'अमेरिकन ड्रीम एंड प्रॉसिस एक्ट' को लेकर आ रहे हैं। इसका सर्वाधिक लाभ उन भारतीयों को होगा जो इंजीनियरिंग एवं अन्य डिग्रियों के बाद अमेरिका में नौकरी पाने से वंचित थे। इस एक्ट के आने से लाखों भारतीयों को अमेरिका में नौकरियां मिलना शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले लोग बहुत मेहनती होते हैं। अमेरिका में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इन लोगों के लिए बहुत सुनहरे अवसर हैं। जो बाइडेन अपनी नीतियों के माध्यम से भारत और अमेरिका के बीच हर क्षेत्र में अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो बाइडेन शिक्षा और कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चर्चा के दौरान आपने बताया कि मेरी तरक्की के पीछे मेरे पति का बहुत बड़ा सहयोग है।

20 यूनिवॢसटी चयन समिति में खटोड़ भी:-

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की 20 यूनिवॢसटियों को विश्व स्तर की यूनिवॢसटी बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने एक समिति का गठन किया है। यह यूनिवॢसटी केन्द्र शासन के अधीन रहेंगी। यूनिवॢसटी की चयन प्रक्रिया समिति में डॉ. रेणु खटोड़ चांसलर ऑफ द यूनिवॢसटी ऑफ ह्यूस्टन, प्रीतम सिंह मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) एवं तरूण खन्ना प्रोफेसर हावर्ड बिजनिस स्कूल को आमंत्रित किया गया है। इस समिति के चेयरपर्सन निर्वाचन आयोग के पूर्व आयुक्त एन. गोपालास्वामी हैं।

ग्वालियर की बहू हैं :-

भारतीय संस्कारों में पली बढ़ी रेणु खटोड़ ग्वालियर की बहू हैं। इनकी ससुराल नया बाजार स्थित गणेश कॉलोनी में है। रेणु खटोड़ , सुरेश खटोड़ की जीवन संगिनी हैं। उनकी दो बेटियां पूजा खटोड़ एवं पारूल खटोड़ हैं। इनकी ससुराल में सत्यनारायण खटोड़ (ससुर), रेशम देवी खटोड़ (सास), महेश खटोड़ (देवर) एवं मधु खटोड़ (देवरानी) हैं।

नहीं आती थी अंग्रेजी:-

यहां हम रेणु खटोड़ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों में यह है कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। यह बात तबकी है जब सुरेश खटोड़ से विवाह के बाद वह अमेरिका की परड्यू यूनिवॢसटी से एमए के लिए साक्षात्कार दे रही थीं। डीन ने रेणु से प्रश्न पूछे तो उनके पति सुरेश खटोड़ ने रेणु के लिए अंग्रेजी के प्रश्नों का हिन्दी में अनुवाद किया। क्योंकि रेणु उस समय अंग्रेजी नहीं जानती थीं। अथक मेहनत के बाद उन्होंने 97.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उन्होंने 1981 में परड्यू यूनिवॢसटी से पीएचडी की। इसके बाद उन्हें 1985 में यूनिवॢसटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में एसोसिएट प्रोफेसर का पद मिला। वर्ष 2002 में उनकी जिंदगी में बदलाव आया और वह यूनिवॢसटी की प्रशासनिक सेवा में आ गई। वर्ष 2002 में ही वह यूनिवॢसटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में प्रोवोस्ट (वाइस चांसलर ) बन गईं। वर्ष 2008 में वे ह्यूस्टन यूनिवॢसटी की चांसलर एवं प्रेसीडेंट नियुक्त की गईं। उनके नेतृत्व में यह यूनिवॢसटी अमेरिका की अग्रणी यूनिवॢसटी बन गई। रेणु खटोड़ को भारतीय संस्कृति से बहुत लगाव है। यही कारण है कि उन्होंने यूनिवॢसटी में हिन्दी विषय को शामिल करवाया। उनकी अनेक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे एक अच्छी कवियत्री व लेखिका भी हैं।

बना लेती हैं पानी-पूड़ी, दाल बाटी है पसंद:-

रेणु को खाने में दाल-बाटी-चूरमा और चाट में पानी पूड़ी व छोले बटूरे बहुत पसंद हैं। वे अमेरिका में पानी पूरी बनाकर परिवार को खिलाती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय परिधानों में उन्हें साड़ी पहनना बहुत पसंद है। वह अपनी महिला साथियों के साथ साड़ी पहनकर करवाचौथ का व्रत रखती हैं। उन्हें बॉस्केटबॉल और फुटबॉल अधिक पसंद हैं। वह आस्थावान महिला हैं और रामायण एवं गीता पढ़ती हैं।

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