मध्यप्रदेश के नाराज विधायक: बृज बिहारी पटेरिया के त्यागपत्र पर गोपाल भार्गव बोले -MLA की भी न सुने तो...

Update: 2024-10-11 03:08 GMT

बृज बिहारी पटेरिया के त्यागपत्र पर गोपाल भार्गव बोले -MLA की भी न सुने तो...

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा विधायकों की नाराजगी अब सामने आने लगी है। देवरी के विधायक (Deori MLA) बृज बिहारी पटेरिया (Brij Bihari Pateria resignation) का त्यागपत्र सोशल मीडिया पर वायरल है। इस त्यागपत्र के सामने आने के बाद कई विधायकों ने उनका समर्थन किया। इस मसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक गोपाल भार्गव का बयान सामने आया है। गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) ने प्रशानिक अधिकारियों द्वारा विधायकों की न सुने जाने पर नाराजगी जताई है। इस मामले में कांग्रेस भी मोहन सरकार पर हमलावर है।

गोपाल भार्गव ने कहा कि, "अभी-अभी देर रात जानकारी लगी कि मेरी नजदीकी विधानसभा क्षेत्र देवरी के विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र मा. विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है और वे केसली थाना में धरने पर बैठ गए हैं। इसकी जानकारी लगते ही मैने वरिष्ठ विधायक पटेरिया से दूरभाष पर चर्चा कर विषय जाना। मुझे जो बताया गया है उसे सुनकर मैं स्तब्ध हूं और सोच में पड़ गया हूँ।"

बृज बिहारी पटेरिया ने क्यों दिया इस्तीफा :

देवरी के विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने गोपाल भार्गव को बताया कि, उनकी विधानसभा क्षेत्र के मेढ़की ग्राम के व्यक्ति की शर्पदंशसे मृत्यु हुई, मृत्यु उपरांत ग्रामवासी एवं परिवारजन मृत शर्प एवम मृतक के शरीर को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और चिकित्सक को घटना के संबंध में अवगत कराया। चिकित्सक द्वारा मृतक के परिवारजन से इस आशय का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 40000 रूपये की मांग की गई।

पटेरिया ने आगे बताया कि, पीड़ित परिवारजन ने जब पूरे प्रकरण की जानकारी दी और सबंधित चिकित्सक के विरुद्ध FIR कराए जाने की कार्यवाही की मांग की, तो मैं (बृज बिहारी पटेरिया) स्वयं केसली थाना पहुंचा और चिकित्सक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा। परंतु प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। बृज बिहारी पटेरिया द्वारा बताया गया कि, साक्ष्यों के उपरांत जब प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मुझे पीड़ित पक्ष के साथ धरने पर तक बैठना पड़ा और कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसे पद का क्या मतलब।

बृज बिहारी पटेरिया का त्यागपत्र 

 बृज बिहारी पटेरिया के समर्थन में उतरे गोपाल भार्गव :

गोपाल भार्गव ने कहा कि, "उक्त घटनाक्रम दुखद है, किसी व्यक्ति मृत्यु की जैसी घटना पर भी शासकीय कर्मचारियों द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। भाजपा की सरकार जो गरीबों के लिए ही दिन रात कार्य कर रही है, ऐसी सरकार में पुलिस के अधिकारियों या चिकित्सकों कोई भी हो जो जनता से चुने विधायक की भी न सुने उनकी ऐसी कार्यप्राणली बर्दास्त नहीं की जावेगी।"

गोपाल भार्गव ने एक्स पर पोस्ट किया कि, "मेरे द्वारा विधानसभा देवरी के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृज बिहारी पटेरिया से कहा गया है कि, हमें क्षेत्र की जनता ने आशा और विश्वास के साथ चुना है, आप इस्तीफा न दें। मैं स्वयं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से संबंधित पुलिसकर्मी एवम दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई हेतु बात कर रहा हूं।"

गोपाल भार्गव ने जिले के अधिकारियों से बात कर संबंधित दोषियों के विरुद्ध अविलंब कार्यवाही करने को कहा है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कसा तंज :

कांग्रेस ने इस मामले में एक्स पर ट्वीट किया कि, "मप्र की भाजपा सरकार में माफिया राज हावी है! प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है।"

पोस्ट में आगे लिखा गया कि, "पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायकगण गोपाल भार्गव न्याय व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं तो संजय पाठक स्वयं की जान को खतरा बता रहे है, जबकि अजय विश्नोई सरकार को शराब माफियाओं के आगे दंडवत बता रहे है।

मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को प्रशासन के आगे शराब माफियाओं के संरक्षण के विरोध में दंडवत होना पड़ा और अब हद तो तब हो गई जब देवरी से विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने तो पीड़ित की FIR न होने से आहत होकर अपना इस्तीफा दे दिया।

मुख्यमंत्री जी, अब भी कोई साक्ष्य, गवाह चाहिए कि आप एक विफल मुख्यमंत्री हैं। आपकी ही पार्टी के 5 विधायकों के इन बयानों के बाद आपको शर्मसार होकर अपनी कुर्सी छोड़ देना चाहिए।"

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