विश्व नदी दिवस: आजमगढ़ में जुटे नदी विशेषज्ञ, स्वस्थ नदियां स्वस्थ समाज पर हुई चर्चा…
विश्व नदी दिवस के अवसर पर हरिऔध कला केंद्र में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी
आजमगढ़। आजमगढ़ महोत्सव के तहत लोक दायित्व ने विश्व नदी दिवस पर रविवार को 'स्वस्थ नदियां, स्वस्थ समाज' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। इसमें विशेष सचिव राज्यपाल श्रीप्रकाश गुप्ता, नदी विशेषज्ञ मंजीत ठाकुर, लविवि के भूविज्ञान के अध्यक्ष डॉ.ध्रुवसेन सिंह, प्रान्त संगठन मंत्री सतेंद्र, जिला विकास अधिकारी, डीएफओ, डायट प्राचार्य अमरनाथ रॉय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं लोक दायित्व के संयोजक पवन कुमार ने आजमगढ़ की नदियों का जल घड़े में भरकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
विशेष सचिव श्रीप्रकाश गुप्त ने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है, इसमें नदियों को माँ माना गया है। गांव की परंपरा में कचड़ा नदियों में नहीं डाला जाता। गांव के जल तीर्थ स्वस्थ हैं इसलिए गांव शहरों की अपेक्षा स्वस्थ है।
नदी विशेषज्ञ मंजीत ठाकुर ने कहा कि कोई संस्था कोई सरकार, कोई व्यवस्था नदी को साफ नहीं कर सकती जब तक कि आम आदमी उसके लिए नहीं लगेगा। मुख्य वक्ता डॉ.ध्रुवसेन सिंह ने कहा कि नदियां भारत की जीवन रेखा हैं, भारत की संस्कृति हैं, भारत की आत्मा हैं।
जो नदियां हजारों साल से सबकी जीवन रेखा रहीं वह आज अपने जीवन के लिए हमारे और आपकी तरफ देख रही हैं। कार्यक्रम संयोजक पवन कुमार ने विषय रखते हुए कहा कि नदियां राष्ट्रपुरुष की धमनियां और शिराएं हैं। यदि प्रदूषण से यह जाम हुईं तो हृदय रुक जाएगा।
संभवतः यह आजमगढ़ महोत्सव के अंतर्गत सबसे गंभीर और लंबा चलने वाला कार्यक्रम रहा। इसमें 5 घंटे तक लोग खड़े रहे बैठने की जगह उन्हें नहीं मिली। नदियों और जल संरक्षण पर बीच बीच में ढेर सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रहे।
भीड़ देखकर पता चल रहा था कि लोकदायित्व जमीन पर कितना कार्य कर रहा है। साथ ही, लोगों की नदी और पानी के प्रति चिंता भी बढ़ी है। अध्यक्षता डायट प्राचार्य अमरनाथ राय ने की। संचालन अरविंद सिंह ने किया। सहयोगी अजय, विजय, विवेक, कृष्णपाल, जयसिंह, अलंकार, त्रिपुरारी, अभिमत, गौरव, उत्कर्ष आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।