AI in Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर से जंग लड़ने के लिए AI करेगा मदद, डॉक्टर्स से जानें कैसे संभव होगा इलाज

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वाइकल कैंसर की जंग से लड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मदद का हिस्सा बताया है।

Update: 2024-09-22 13:22 GMT

Artificial IntelIigence in Cervical Cancer: डिजिटल युग में एआई की प्राथमिकता कितनी तेज होती जा रही है इसका उदाहरण आज सामने आया है जहां पर कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम के तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वाइकल कैंसर की जंग से लड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मदद का हिस्सा बताया है। इसके साथ ही दूसरे देशों की मदद के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के मदद की पेशकश की। इस ऐलान के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैंसर के इलाज में कैसे मदद करेगा चलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ से जानते हैं...

कैंसर से इतनी मौत के आंकड़े

आपको बताते चलें कि, 2024 में कैंसर से दो मिलियन से अधिक नए मामले और 611,720 मौतें होने के आंकड़े सामने आए हैं, इनमें सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर कैंसर के होंगे। इसके चलते बताया जा रहा है कि, कैंसर के इलाज में एआई की मदद से इन कैंसरों को आसानी से पहचान लिया जाएगा।

दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट ने दी जानकारी 

इस विषय पर सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट और यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के वाइस चेयरमैन डॉ अमरेंद्र पाठक अपनी जानकारी देते हुए बताया कि, अगर कैंसर के इलाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही से इस्तेमाल किया जाता है तो मरीज का सर्वाइकल रेट बढ़ जाएगा।किडनी में ट्यूमर है तो सीटीएमआरआई की इनफार्मेशन फीड की जा सकती है. इसके अलावा मरीज का और उसके इलाज का पूरा डाटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में फीड हो जाता है जिसे इलाज करने में मदद मिलती है।

कैंसर का पता लगाने से लेकर इलाज की प्रक्रिया में सहायक

डॉक्टर ने यह भी बताया कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट में काफी फायदा मिल रहा है। इसमें दरअसल कैंसर का पता लगाने और उपचार से लेकर ट्यूमर और उनके वातावरण, लक्षण, दवा की खोज और उपचार की प्रतिक्रिया और परिणामों के बारे में की भविष्यवाणी तक में एआई की मदद ली जा रही है।फिलहाल इसका उपयोग ज्यादातर कैंसर निदान और स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है. कैंसर में स्क्रीनिंग बचाव का सबसे बेहतर उपाय है और इस दिशा में एआई काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।

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