कीव पर कब्जे के लिए रूस ने तेज किया अभियान, वार्ता के लिए बेलारूस भेजा प्रतिनिधि मंडल

Update: 2022-02-27 08:30 GMT

कीव। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों देशों में छिड़े युद्ध से दुनिया चिंतित है। यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेना नियंत्रण की कोशिश कर रही है। इस बीच शांति प्रयासों की दिशा में रूस और यूक्रेन ने कदम बढ़ाए हैं। दोनों देशों के प्रतिनिधि बेलारूस के गोमेल पहुंच गए हैं। रूस शनिवार को यूक्रेन से वार्ता के लिए राजी हो गया था। रूस की सेना कीव से कुछ किलोमीटर दूर है। इस बीच यूक्रेन की मदद के लिए यूरोप के दूसरे देश आगे आए हैं। इस वार्ता पर पूरे विश्व की नजर है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए रूस का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच चुका है। रूसी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति प्रशासन सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल से यह वार्ता गोमेल में होगी।

बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि गोमेल में रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता के लिए मंच तैयार है। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि वो रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन बेलारूस की बजाय किसी और स्थान पर। क्योंकि बेलारूस का इस्तेमाल आक्रमण के लिए लॉन्चपैड के रूप में किया जा रहा है। यूक्रेन ने वार्ता के लिए वारसा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल, बाकू का सुझाव दिया था।

उल्लेखनीय है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। यूक्रेन को चौतरफा हमले में भारी क्षति उठानी पड़ी है। साथ ही रूस को भी नुकसान हुआ है। इस बीच अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं।इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय प्रवासियों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा हालात के मद्देनजर संघर्ष क्षेत्रों से दूर पश्चिमी क्षेत्र में चले जाएं। यूक्रेन रेलवे अतिरिक्त रूप से कीव से आपातकालीन ट्रेनों का आयोजन कर रहा है। ट्रेनों के शेड्यूल के बारे में स्टेशनों पर जानकारी मिलेगी।

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान - 

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि युद्ध के दौरान सभी यूक्रेनी सैनिकों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जा रहा है। दस्तावेजों को देखने के बाद उन्हें उनके परिवारों के पास भेज दिया जाएगा।

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