सांची बनी देश की पहली सोलर सिटी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया लोकार्पण
साँची शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के साथ ही इको फ्रेंडली सुविधाओं के जरिए पर्यावरण प्रदूषण को कम करके दूरिज्म को आकर्षित करने की कोशिश की गई है।
भोपाल। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल "सांची" देश की पहली सोलर सिटी बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार शाम को सांची स्थित स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में इसका लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया, सांसद रमाकांत भार्गव, विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों जैसे कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेट जीरो भारत के हर राज्य में एक सोलर सिटी विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी दिशा में मध्य प्रदेश शासन द्वारा ऐतिहासिक धरोहर “साँची” को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है। शहर के नागौरी की पहाड़ी पर 18 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से लगाए गए सोलर प्लांट से तीन मेगावाट बिजली उत्पन्न हो रही है। जिसे बढ़ा कर पांच मेगावाट तक ले जाया जाएगा। यही नहीं, लोगों ने घरों पर भी सोलर पैनल लगवाए हैं, जिससे 25 साल तक बिजली मिलती रहेगी। इसका खर्च करीब पांच वर्षों में बिजली बिल के बराबर होगा।
साँची सोलर सिटी में सालाना लगभग 13747 टन कार्बन डाईआक्साईड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 2.3 लाख वयस्क वृक्षों के बराबर है। साथ ही शासन तथा नागरिकों के ऊर्जा संबंधी व्यय में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सालाना लगभग सात करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी।साँची शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के साथ ही इको फ्रेंडली सुविधाओं के जरिए पर्यावरण प्रदूषण को कम करके दूरिज्म को आकर्षित करने की कोशिश की गई है। “व्यक्तिगत सामाजिक दायित्व” की भागीदारी से विभिन्न स्थानों पर सोलर वाटर कियॉस्क स्थापित किया है, इससे सार्वजनिक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। शहर में चार बैटरी चलित ई-रिक्शा चलेंगे, जिनसे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
बैटरी रिक्शा में एक्सीडेंट होने का खतरा भी कम होता है। यह रोजगार का अच्छा माध्यम बनेगा तथा इसकी बिजली की खपत भी कम होती है। भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सुविधाएं तेजी से बढ़ रही है और यह सस्ती भी हो रही है। शहर में 2 बैटरी चलित कचरा वाहन भी चलेंगे। ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन जिसमें 4 कमर्शियल चार्जिंग पॉइंट तथा 3 ई-रिक्शा चार्जिंग पॉइंट हैं, स्थापित किए गए हैं।