मुंबई। दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिंएट ओमिक्रोन के मामले बढ़ने से निवेशकों की चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स सोमवार को 1,190 अंक लुढ़कर 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे निवेशकों के 6.79 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
30 शेयरों पर आधारित बीएसई का सेंसेक्स 1,189.73 अंक यानी 2.09 फीसदी टूटकर 55,822.01 के स्तर पर बंद हुआ। ये इस साल 23 अगस्त के बाद सेंसेक्स का सबसे निचला स्तर है। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 371 अंक यानी 2.18 फीसदी का गोता लगाकर 16,614.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 5.20 फीसदी की गिरावट के साथ टाटा स्टील सबसे ज्यादा नुकसान में रही। इसके अलावा एसबीआई, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी में भी गिरावट रही। बाजार में इस गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.79 लाख करोड़ रुपये घटकर 2,52,57,581.05 करोड़ रुपये पर आ गया।
इसके अलावा एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी भारी नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा। कारोबारियों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली के बीच कई केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का भी प्रतिकूल प्रभाव बाजार पर पड़ा है।