ज्ञानवापी केस में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मस्जिद में मिले शिवलिंग की होगी कार्बन डेटिंग
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से कहा कि शिवलिंग को "बिना खंडित किए वैज्ञानिक जांच करें"
प्रयागराज/वेबडेसक। ज्ञानवापी मस्जिद केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है। सर्वे के दौरान मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने के निर्देश दे दिए है। कोर्ट ने जिला जज के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से कहा कि शिवलिंग को "बिना खंडित किए वैज्ञानिक जांच करें"।
वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती -
वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इंकार कर दिया था। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने लक्ष्मी देवी व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने पक्ष रखा। याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन, ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा। कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुक़सान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है,क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा। एएसआई ने कहा बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच की जा सकती है।
मालूम हो कि ज्ञानवापी परिसर में 16 मई 22 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान मिले कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल वाद जिला अदालत वाराणसी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है। ऐसे में सिविल कोर्ट को आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।