Tirupati Laddu Case: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद पर दायर जनहित याचिका की खारिज
Tirupati Laddu Row Case : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू प्रसादम मामले में दायर की गई जनहित याचिका को ख़ारिज कर दिया है। यह जनहित याचिका इंजीलवादी डॉ. के.ए. पॉल ने दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस गवई ने याचिका को रद्द कर दिया है। जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता पॉल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट से कहा कि, यह सब राजनीतिक खेल चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस गवई जे बोले कि, हम 30 लाख लोगों के लिए नए राज्य के निर्माण का निर्देश कैसे दे सकते हैं। संसद में जाइए।
जांच के लिए SIT गठित करने का दिया था आदेश
4 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में जांच के लिए SIT गठित करने का आदेश दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, लड्डू के लिए उपयोग होने वाले घी में पशु चर्बी है या नहीं इस बात की जांच राज्य द्वारा गठित एसआईटी नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई SIT करेगी। अदालत को राजनीति के अखाड़े में तब्दील होने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
ये है पूरा मामला
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू में एनिमल फैट सहित घटिया सामग्री पाई गई थी। गुजरात की एक निजी लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नायडू ने घी में 'बीफ टैलो', 'लार्ड' (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का आरोप लगाया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उनके शासन में कोई उल्लंघन नहीं हुआ। रेड्डी ने नायडू पर 'भगवान के नाम पर राजनीति' करने का भी आरोप लगाया और मुख्यमंत्री को 'एक रोगग्रस्त और आदतन झूठा' कहा।