एजीआर मामले में दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त दिया

Update: 2020-09-01 07:06 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को खासा राहत मिली है।

आज सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा, सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ-साथ टेलीकाम कंपनियों के रवैये से काफी नाराज लगे। उन्होंने तुषार मेहता को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि सरकार की ओर से इस मामले में इतनी नरमीं क्यों बरती जा रही है? और अब तक सरकार को कितनी रकम मिली? साथ ही शेष राशि को 31 मार्च, 2031 तक किस्तों में भुगतान किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोरोना के चलते ये समय बढ़ा रहे हैं। साथ ही कोर्ट ने हिदायत दी कि समय पर भुगतान नहीं करने पर कंपनियों को कोर्ट की अवमानना कार्रवाही का सामना करना पड़ेगा।

इससे पहले एयरटेल ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर 20 साल का वक्त मांगा था। एयरटेल ने सरकार को 13,004 करोड़ रुपये की रकम चुकाई है। डाट के पास एयरटेल की 10,800 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी मौजूद है। कंपनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों का पालन करेगी।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को आदेश दिया था कि टेलीकॉम कंपनियां 23 जनवरी तक बकाया राशि जमा करें। कंपनियों ने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और टाटा टेली ने भुगतान के लिए ज्यादा वक्त मांगते हुए नया शेड्यूल तय करने की अपील की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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