Terror Attack In Jammu : जम्मू में सेना को निशाना बना रहे आतंकी, विधानसभा चुनाव में दखल का इरादा
Terror Attack In Jammu : हाल ही में हुए हमलों पर गौर करें तो पता चलेगा की ये सिलसिला 9 जून से शुरू हुआ था।
Terror Attack In Jammu : जम्मू कश्मीर। डोडा में सुरक्षा बल के जवानों पर हुए हमलों के बाद पूरा देश स्तब्ध है। रक्षा मंत्री से लेकर लीडर ऑफ ऑपोजिशन ने जवानों की मौत पर दुःख जताया है। जम्मू कश्मीर में सेना पर हो रहे एक के बाद एक हमले सुरक्षा की दृष्टि से चिंता का विषय है। यह मसला और भी गंभीर हो जाता है जब ये मालूम हो कि, जल्द ही यहां विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव में लोगों ने बिना किसी भय के वोटिंग की थी। अब विधानसभा में लोगों को डराने के लिए आतंकी सेना पर ही हमले कर रहे हैं। सिर्फ़ जम्मू में ही पिछले 78 दिनों में 11 आतंकी हमले हुए हैं।
डोडा की बात करें तो यहां अब तक पांच आतंकी हमले हुए हैं। सभी हमलों में सेना के ठिकानों और सुरक्षा बल के जवानों को टारगेट किया गया है। इन हमलों में से दो हमलों की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। राष्ट्रीय राइफल्स के जवान और पुलिस का स्पेशल अभियान आतंकियों की खोज में निकला था इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। इसमें सेना के एक अधिकारी समेत पांच जवान शहीद हो गए। आतंकी हमला करने के बाद घने जंगलों में छुप गए।
अब जानिए पिछले हमलों के बारे में :
इन हमलों पर गौर करें तो पता चलेगा की ये सिलसिला 9 जून से शुरू हुआ था। यहां केंद्र सरकार के नए मंत्री शपथ ले रहे थे वहां आतंकी लोगों को निशाना बना रहे थे। आतंकियों ने 'शिव की खोरी' गुफा में दर्शन करने जा रहे लोगों को निशाना बनाया था। तीर्थयात्रियों की बस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी जिसके कारण बस खाई में गिर गई थी। इस हमले में 9 लोगों की मौत हुई थी जिसमें से एक बच्चा भी था। हमला करने के बाद आतंकी जंगल में छिप गए थे।
इसके बाद 10 जून को कठुआ में आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद सेना ने सर्च अभियान चलाया। मुठभेड़ में दो आतंकी ढ़ेर हुए थे वहीं एक जवान भी शहीद हुआ था। इसके दो दिन बाद यानी 12 जून को भी आतंकियों ने सेना को टारगेट किया था। आतंकियों ने सेना के अस्थाई कैम्प पर हमला किया था इसमें सेना का जवान बुरी तरह घायल हुआ था। इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया था।
17 जून को बांदीपुर में सेना और सुरक्षा बल के जवानों के बीच मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान चलाया गया था। इसमें दो आतंकियों के शव बरामद हुए थे। इसके बाद 7 जुलाई को राजौरी में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। कुलगाम में सेना द्वारा 6 आतंकी ढ़ेर किये गए थे। जबकि आतंकियों द्वारा सेना के कैम्प पर हमला भी किया गया था इसमें एक जवान शहीद हुआ था।
इस तरह साफ़ है कि, लोकसभा चुनाव के परिणाम के ठीक बाद जम्मू - कश्मीर में आतंकी गतिविधि तेज हुई है। आतंकियों का फोकस अब जम्मू पर ज्यादा है। यहां पहले टारगेटेड किलिंग हो रही थी अब सेना को ही निशाना बनाया जा रहा है। आतंकी जंगलों में छुपकर तो कभी स्थानीय लोगों से मदद लेकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। केंद्र सरकार को जम्मू - कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।