टाइम मैगजीन के कवर पर 'किड ऑफ द ईयर' भारतीय बच्ची गीतांजलि राव
साइबर बुलिंग को पकड़ने में सक्षम एप "किंड्ली" बनाया
वॉशिंगटन/वेब डेस्क। भारतीय अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव ने टाइम मैगजीन के कवर पर जगह बनाकर दुनिया भर में अपना नाम रोशन किया है। गीतांजलि को 'किड ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा गया है। गीतांजलि ने करीब 5000 बच्चों को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब अपने नाम किया है। गीतांजलि ने तकनीक (टेक्नोलॉजी) के प्रयोग से दूषित पेयजल से लेकर साइबर जैसे मुद्दों से निपटने के लिए शानदार काम किया है। टाइम स्पेशल के लिए गीताजंलि का साक्षात्कार एंजेलीना जोली ने लिया। गीतांजलि ने अपनी खोज के बारे में कहा कि यह साइबर बुलिंग रोकने के लिए की गई है और एक तरह की सर्विस है। इसका नाम 'किंड्ली' है।
यह एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है। यह शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ने में सक्षम होगा। गीतांजलि कहती हैं कि उनका उद्देश्य केवल डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं है बल्कि अब वो दूसरों को भी ऐसा करने के प्रेरित करना चाहती हैं। वह यह संदेश देना चाहती हैं कि अगर वो करती हैं तो सब कर सकते हैं और कोई भी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जब वह दूसरी और तीसरी कक्षा में थी तब ही उन्होंने यह सोचना शुरू कर दिया था कि किस प्रकार साइंस और तकनीक का प्रयोग कर वह समाज में बदलाव ला सकती हैं। जब वो 10 साल की थीं तब उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर तकनीक पर वॉटर क्वॉलिटी रिसर्च लैब में रिसर्च करना चाहती हैं। यही बदलाव की शुरुआत थी, जब कोई इस दिशा में काम नहीं कर रहा है तो वो इसे करना चाहती हैं। रिसर्च के बारे में उन्होंने बताया कि वह एक प्रक्रिया को अपनाती हैं। इसका पहला चरण ऑब्जर्व करना है। इसके बाद वो इसपर सोचती और शोध करती हैं। इसके बाद निर्माण शुरू होता है।
उल्लेखनीय है कि जब कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक साधनों का उपयोग करके दूसरों को धमकाता है तो इसे साइबर बुलिंग कहा जाता है। यह टेक्स्ट मेसेज, ईमेल और सोशल नेटवर्क और गेमिंग के जरिए हो सकती है।