रूस का दावा : यूक्रेनी सैनिक भारतीय छात्रों को बना रहे ढाल, भारत ने किया खारिज
कीव/नईदिल्ली। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में प्रयोग कर रहा है। इसी बीच शांति वार्ता की दूसरी बैठक के लिए रूस का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच गया है जबकि यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को यहां पहुंचेगा।रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने भारतीय छात्रों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बंधक बना लिया है ताकि उन्हें जाने से रोका जा सके। खबरों के मुताबिक खारकीव मेट्रो स्टेशन पर तीन सौ से ज्यादा भारतीय कर्फ्यू के चलते फंसे हैं। इससे पहले भारत ने दिन में एडवाइजरी जारी कर कहा था कि जो भी भारतीय खारकीव में फंसे हैं, वो किसी भी तरह वहां से चले जाएं।
वहीँ रूस के दावों को नकारते हुए भारत का कहना है कि हमें किसी छात्र के बारे में किसी भी तरह की बंधक स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिली है। यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की खबरों के संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि हमारा दूतावास यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है। हम ध्यान दें कि यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग से कई छात्र कल खारकीव छोड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी भी बंधक की स्थिति की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। हमने खारकीव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी भाग में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों से सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा सहित इस क्षेत्र के देशों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को निकाला गया है। हम इसे संभव बनाने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा दी गई सहायता की सराहना करते हैं। उन्होंने आगे हा कि हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों को भारतीय नागरिकों को प्राप्त करने और उन्हें स्वदेश वापस ले जाने के लिए उड़ानों की प्रतीक्षा में उन्हें समायोजित करने के लिए धन्यवाद देते हैं।