आखिर किन नियमों से चल रहे थे दिल्ली के कोचिंग सेंटर बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी, जानिए

सवाल यह है कि आखिर किन नियमों के साथ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी और क्लासेस लगती है चलिए जानते हैं दिल्ली में इसके नियम।

Update: 2024-07-29 14:55 GMT

Delhi Coaching Center: राजधानी दिल्ली में राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर के बेसमेंट हुए हादसे के बाद कई कोचिंग सेंटर पर सवाल खड़े हुए हैं तो वही इस हादसे से कई कोचिंग सेंटर कैसे चल रहे हैं इसे लेकर कई बातों को सोचने पर मजबूर किया है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर किन नियमों के साथ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी और क्लासेस लगती है चलिए जानते हैं दिल्ली में इसके नियम।

क्या कहते हैं नियम

राजधानी दिल्ली के नियम के मुताबिक, दिल्ली की आबादी और जगह को देखते हुए बेसमेंट को लेकर 4 साल पहले ही मास्‍टर प्‍लान दिल्‍ली 2021 में कुछ बदलाव हुए थे, इन नियमों का फायदा बहुत सारे कोचिंग सेंटर समेत बेसमेंट का उपयोग करने वाले लोगों को मिला था हालांकि इनमें अधिकांश लोग बिना परमिशन और सुरक्षा उपकरणों के कोचिंग सेंटर चला रहे थे। 

पार्किंग के लिए ही होता था उपयोग

आपको बताते चलें कि, दिल्ली में बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग के लिए किया जाता है दिल्‍ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, नेशनल कैपिटल रीजन प्‍लानिंग बोर्ड और दिल्‍ली फायर सर्विसेज के अनुसार बेसमेंट का इस्‍तेमाल बिल्‍डर्स के ऑफिसों, घर गृहस्‍थी के सामानों के स्‍टोरेज या बिना ज्‍वलनशील पदार्थों को रखने, बैंक सेलर्स के स्‍ट्रॉंग रूम्‍स के रूप में, बिल्डिंग और सर्विस के लिए इस्‍तेमाल होने वाले एयर कंडीशनिंग उपकरणों या मशीनों को रखने के लिए किया जाता था।

4 साल पहले ही मिली थी अनुमति

आपको बताते चलें कि, लगातार इन नियमों में बदलाव होते गए और फिर दिल्‍ली सरकार के मास्‍टर प्‍लान फॉर दिल्‍ली-2021 के अनुसार बेसमेंट में प्‍ले स्‍कूल, कोचिंग सेंटर, कम्‍प्‍यूटर ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट, लैंग्‍वेज कोचिंग सेंटर, फिजिकल एजुकेशन सेंटर, डांस कोचिंग आदि चलाने की अनुमति दी गई थी लेकिन इसके लिए भी संचालक को दिल्‍ली फायर सर्विसेज और अन्‍य समकक्ष अथॉरिटी से क्लियरेंस लेना जरूरी था। वही इधर बिना नियमों का पालन किए लोगों ने अनैतिक गतिविधियां शुरू की थी जिसकी वजह राजेंद्र नगर हादसा हुआ है।

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