राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच पेश हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड, जानिए क्या है ये..कानून
भारत में रहने वाले हर हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो
नईदिल्ली। संसद के जारी शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल के तौर पर समान नागरिक संहिता लागू करने से जुड़ा विधायक पेश किया गया। विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया। इसके बावजूद भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की ओर से पेश 'यूनिफॉर्म सिविल कोड इन इंडिया बिल' लाया गया। उन्होंने प्रस्तावित विधेयक पर मतदान की मांग की।
इस विधेयक का कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल सहित विपक्षी पार्टियों ने जबरदस्त विरोध किया। तमिलनाडु से एमडीएम के सासंद वाइको ने कहा कि ये सरकार देश को बर्बादी की तरफ ले जा रही है. उन्होंने कहा कि इस बिल को पेश नहीं किया जाना चाहिए. इसके बाद, केरल के IUML के सांसद अब्दुल वाहब ने कहा कि ये बिल देश के हित में नहीं है और उन्होंने इस बिल को वापस लेने की मांग की। विपक्ष की आपत्तियों के बाद विधेयक को पेश किए जाने को लेकर मत विभाजन हुआ और 63 बनाम 23 से विपक्ष का प्रस्ताव खारिज हो गया।
विधेयक की आलोचना करना ठीक नहीं
हंगामे के बीच राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी सदस्य को विधेयक पेश करने और अपने क्षेत्र के मुद्दे संसद में उठाने का अधिकार है। इसपर राज्यसभा में बहस होनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सरकार पर आरोप लगाना विधेयक की आलोचना करना ठीक नहीं है।
क्या है समान नागरिक संहिता -
समान नागरिक संहिता का अर्थ है देश में विवाह, तलाक, बच्चे, संपत्ति का बंटवारा आदि के लिए समान कानून। इसका मतलब है कि भारत में रहने वाले हर हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। इसके बाद हिंदू मैरिज एक्ट, मुस्लिम पर्सनल लॉ आदि अलग -अलग धार्मिक कानून खत्म हो जाएंगे। देश में सभी के लिए एक जैसे नियम होंगे।