केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नजूल ज़मीन विधेयक का किया खुलेआम विरोध, सख्त एक्शन की कर दी मांग

नजूल ज़मीन विधेयक पर बवाल अभी खत्म नहीं होने वाला लेकिन फ़िलहाल ये विधेयक विधान परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया गया है।

Update: 2024-08-02 04:39 GMT

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नजूल ज़मीन विधेयक का किया खुलेआम विरोध

उत्तरप्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार नजूल ज़मीन विधेयक पर अपने घर में ही घेरी जा रही है। विधानसभा में पास होने के बाद ये विधेयक विधान परिषद् में भाजपा नेताओं के विरोध के चलते अटक गया। अब केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इसे लेकर सरकार को खरी खोटी सुना दी है। नजूल ज़मीन विधेयक (लोक प्रयोजनार्थ प्रबन्ध और उपयोग) पर बवाल अभी खत्म नहीं होने वाला लेकिन फ़िलहाल ये विधेयक विधान परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया गया है।

केंद्र में NDA सरकार की सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने एक्स पर पोस्ट किया, 'नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज (1 अगस्त) भेज दिया गया है। व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ़ ग़ैरज़रूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है।'

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इस विधेयक के खुले विरोध तक ही नहीं रुकी। उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर सख्त एक्शन की डिमांड कर दी। उन्होंने एक्स पर आगे लिखा, "उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।"

नजूल जमीन विधेयक बीजेपी सरकार पर पड़ा भारी :

बीजेपी के अपने विधायकों के विरोध के बीच विधानसभा से इसे पास करा लिया गया लेकिन विधान परिषद में बीजेपी अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने विधेयक का विरोध करके इसको सेलेक्ट कमेटी के पास भिजवा कर पास नहीं होने दिया। फौरी तौर पर विधेयक फिलहाल रुक गया है लेकिन दो महीने में जब सिलेक्ट कमेटी रिपोर्ट देगी ये विधेयक फिर से आ सकता है।

नजूल जमीन विधेयक क्या है ?

आसान भाषा में समझे तो नजूल जमीन एक ऐसी जमीन है जिसका सालों से कोई वारिस न हो। ऐसी जमीन पर सरकार अधिकार कर लेती है। जब अंग्रेजों का शासन था तब बगावत करने वाले लोगों की जमीन को हथियाया गया। देश की आजादी के बाद कई लोगों को यह जमीन लौटा दी गई। अब आजादी के बाद भी जिस जमीन पर किसी ने क्लेम नहीं किया वो नजूल जमीन बन गई। इसे लेकर ही उत्तरप्रदेश सरकार बिल लेकर आई थी।

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