अडाणी के मुद्दे पर संसद में हंगामा, जेपीसी से जांच की मांग पर अड़ा विपक्ष
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित
नईदिल्ली। संसद में आज एक बार फिर अडाणी का मुद्दा छाया रहा। विपक्षी दलों ने जेपीसी से जांच कराने की मांग की। जिसके कारण बार- बार सदन को स्थगित करना पड़ा। दूसरी ओर सत्ता पक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने आज देश भर में एलआईसी और अडानी के दफ्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। दो बजे स्थगन के बाद दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। जिसके बाद लोकसभा-राज्यसभा कल मंगलवार तक स्थगित हो गई।
लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से चर्चा होने देने की अपील की लेकिन विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा। अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक समय सत्ता में रही है, उससे यह व्यवहार अपेक्षित नहीं है। वहीं राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सांसदों से यही अपील की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को चलने नहीं दिया जा रहा है।
गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन -
इससे पहले विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर अडानी समूह की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग को लेकर आज संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्षी पार्टियों के सांसद इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया।अडानी समूह की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग को लेकर सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्षी पार्टियों के सांसद इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली जांच समिति ही भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी करने वाली कथित कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने वाले निवेश के बारे में सच्चाई सामने ला सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जवाब दे -
आगे उन्होंने कहा कि इस संबंध में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई, जिन्होंने इस पर सहमति व्यक्त की है। विपक्ष अपने नोटिस पर संसद में चर्चा की मांग करता है। हम विस्तृत चर्चा के लिए तैयार हैं। खड़गे ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि पहले इस मुद्दे पर चर्चा की जाए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन पहली प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की है।