अमेरिकी संस्थान की रिपोर्ट - भारत में कोरोना से हुई 50 लाख मौतें, लेकिन इस दावे की सच्चाई पर सस्पेंस

Update: 2021-07-22 12:06 GMT

नईदिल्ली। देश पिछले 17 महीनों से जारी कोरोना संक्रमण जारी है। कोरोना की दोनों लहरों में भारत में 50 लाख मौतें होने का एक अमेरिकी शोध संथा ने दावा किया है। संस्था ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक का डेटा जुटाया है। जिसके आधार पर ये दावा किया गया है।  

वॉशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार ये देश में आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।  इस अध्ययन के लिए संस्था ने सीरोलॉजिकल स्टडी, हाउस होल्ड सर्वे, स्टेट लेवल पर सिविक बॉडीज से मिले ऑफिशियल डेटा और अंतरराष्ट्रीय आकलन को आधार बनाया है। इस अध्ययन में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को विश्व के लिए खतरा बताया है। 

भारत में कोरोना से हुई मौतों के लिए रिपोर्ट में 3 अनुमान दिए गए है।  

  • जिसमें 7 राज्यों के आंकड़ों के आधार पर तैयार कम मौतों के अनुमान वाली रिपोर्ट में यह संख्या 34 लाख है।  
  • दूसरी गणना में ऐज स्पेसिफिक इन्फेक्शन फैटेलिटी रेट के अंतर्राष्ट्रीय अनुमान को आधार बनाया गया है।  जिसके तहत मौतों की संख्या करीब 40 लाख है।
  • अंतिम और तीसरी रिपोर्ट में  कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे को आधार बनाया गया है। जिसमें सर्वाधिक 49 लाख मौत का अनुमान है।

सरकारी आंकड़ों में 4 लाख मौत - 

बता दें की देश में अब तक कोरोना की दो लहर आ चुकी है। जिसमें दूसरी लहर पहली के मुकाबले अधिक घातक थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 16 सितंबर 2020 को पहली लहर का पीक आया। इस दिन तक देश में 83 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी थी।  वहीँ दूसरी लहर का पीक 6 मई 2021 को आया।  इस दिन सर्वाधिक 4,14,280 नए संक्रमित मिले थे।  देश में अब तक 4.18 लाख मौत हो चुकी है।  

दावे पर सस्पेंस - 

अमेरिकी संस्थान की इस रिपोर्ट को भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अभिषेक आनंद और ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर के जस्टिस सेंडेफर्ड ने लिखा है। संस्थान ने भारत के आलावा अमेरिका सहित अन्य देशों में कोरोना से मौत के आंकड़ों का अध्ययन नहीं किया है। साथ ही भारत के किन राज्यों और शहरों को शामिल कर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इसका उल्लेख इस रिपोर्ट में नहीं किया गया है।  ऐसे में ये रिपोर्ट संदेहस्पद बनी हुई है।  

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