UP News : हाथरस भगदड़ कांड पर UP ने लिया सबक, भीड़ के मैनेजमेंट के लिए SOP तैयार

UP News : डीजीपी प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन और भगदड़ से बचाव के लिए एसओपी जारी की है।

Update: 2024-07-25 08:09 GMT

हाथरस भगदड़ कांड पर UP ने लिया सबक, भीड़ के मैनेजमेंट के लिए SOP तैयार

UP News : लखनऊ। उत्तरप्रदेश में हाथरस कांड के बाद सरकार ने सबक लिया है। बड़े आयोजनों में भीड़ के जुटने पर कैसे मैनेजमेंट किया जाए इसके लिए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया गया है। हाथरस भगदड़ कांड में 123 लोगों की मौत हुई थी। अब डीजीपी प्रशांत कुमार ने SOP जारी की है। इसके अनुसार खतरे के आकलन के बाद आयोजन की अनुमति दी जाएगी। वहीं अधिकारी कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने खुद ही जाएंगे।

हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन और भगदड़ से बचाव के लिए एसओपी जारी की है। एसओपी के तहत अब यूपी में जिला, रेंज और जोन स्तर पर अलग-अलग इंटिग्रेटेड सिस्टम बनाया जाएगा। डीएम, सीएमओ, सिविल डिफेंस, फायर बिग्रेड और स्थानीय पुलिस के साथ स्वयं सेवी संगठनों के स्तर पर नियमित रूप से इंटिग्रेटेड सिस्टम को अपडेट किया जाएगा। डीजीपी ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को इसमें शामिल करते हुए लगातार ऐसी घटनाओं का पूर्वाभ्यास कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

भीड़ को ऐसे मैनेज करेगी UP पुलिस :

इंटिग्रेटेड सिस्टम को स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर हर साल अपडेट और अपग्रेड किया जाए।

पुलिस लाइनों में विशेष आयोजनों में सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक संचालन के संसाधनों और उपकरणों की नियमित जांच करवाई जाए और कर्मियों को उनका प्रशिक्षण दिया जाए।

जिला, रेंज और जोन स्तर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को चिह्नित किया जाए।

वरिष्ठ अधिकारियों, स्थानीय मैजिस्ट्रेट और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया जाए।

संभावित खतरों (आग, बिजली, सड़क दुर्घटना और श्वास अवरोधक) के आकलन के आधार पर आपातकालीन योजना तैयार की जाए।

कार्यक्रम की पूरी जानकारी और वहां आने वालों की अनुमानित संख्या की जानकारी जुटाई जाए।

सुरक्षा और ट्रैफिक के लिए जरूरी पुलिस, पीएसी, केंद्रीय बल, अधिकारियों और संसाधनों का मांग पत्र तैयार किया जाए। मजबूत बैरिकेडिंग की जाए।

कार्यक्रम स्थलों पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग की जाए और ऑपरेशनल कंट्रोल रूम बनाए जाएं।

कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए स्थानीय मैजिस्ट्रेट को प्रभारी नियुक्ति किया जाए। ड्यूटी पर लगाए जाने वाले फोर्स की समुचित ब्रीफिंग की जाए।

पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाए।

कार्यक्रम स्थल पर लाइट, पीने का पानी और ऐंबुलेंस का इंतजाम किया जाए। क्राउड कंट्रोल प्लान के तहत आवागमन और पार्किंग का इंतजाम किया जाए।

अतिथियों की श्रेणी तय कर उसी हिसाब से उनके आवागमन के मार्ग अलग-अलग रखे जाएं। जनता के लिए आवागमन के मार्ग अलग हों।

ऐंबुलेंस के लिए बनाएं ग्रीन कॉरिडोर :

भगदड़ की स्थिति पर इलाज के लिए चिकित्सा विभाग से समन्वय बनाकर ऐंबुलेंस का इंतजाम किया जाए। उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया जाए।

मृतकों को घटना स्थल और अस्पताल से उनके घर पहुंचाने और अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाकर कार्रवाई की जाए।

जरूरत का आकलन करते हुए स्थानीय फील्ड यूनिट, फायर बिग्रेड, बीडीएस टीम, फ्लड यूनिट और एसडीआरएफ की भी मदद ली जाए।

मीडिया को समुचित ब्रीफिंग की जाए, जिससे कोई गलत तथ्य या अफवाह न फैलने पाए।

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