वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाकर रचा इतिहास, हॉकी में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराया

Update: 2021-07-31 10:02 GMT

टोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को करो या मरो मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया। भारतीय टीम की वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाकर भारत को जीत दिलाई। वंदना के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ग्रुप ए के अपने आखिरी मुकाबले को जीतकर क्वार्टरफाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा। ब्रिटेन अगर आयरलैंड को आज हरा देता है तो भारत क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाएगा।

वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। हरिद्वार की वंदना ने शनिवार को करो या मरो मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक मारकर ओलंपिक इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। वंदना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक के बाद एक तीन गोल कर भारत को 4-3 से जीत दिलाई। वंदना के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही । इसी के साथ भारतीय टीम ने क्वार्टरफाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा।वंदना ने भारत के लिए चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया। इसके अलावा भारत के लिए चौथा गोल नेहा गोयल ने 32वें मिनट पर किया था।

परिवार में ख़ुशी का माहौल - 

वंदना की इस सफलता से उनके परिवार में ख़ुशी का माहौल है।  वंदना कटारिया के भाई पंकज कटारिया ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी बहन ओलंपिक में इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही है और भारत को जीत दिलाने में अपना अहम योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि हमारी बहन भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल जरूर दिलाएगी।

ये है उपलब्धि - 

उल्लेखनीय है कि वंदना कटारिया साल 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं थीं। यह जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक विजेता टीम की सदस्य थीं। यह स्पर्धा जर्मनी में हुई थी। वंदना ने प्रतियोगिता में 5 गोल किये थे। वो गोल करने के मामले में प्रतियोगिता में तीसरे नंबर पर रहीं थीं। वंदना अब तक 130 स्पर्धाओं में 35 गोल कर चुकीं हैं।

पिता भी हॉकी प्लेयर - 

उनके पिता नाहर सिंह बीएचईएल में काम करते हैं। मिड फील्डर वंदना को पिछले कुछ वर्षों में भारत की सबसे बेहतर और अग्रिम खिलाडि़यों में माना जाता रहा है। वंदना कटारिया के हरिद्वार में सबसे पहले कोच कृष्णा कुमार थे, जो हरिद्वार के जिला क्रीड़ा अधिकारी थे और हॉकी प्लेयर थे। उन्होंने ही वंदना को एथेलेटिक्स से हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया था। अब तक वंदना कटारिया 242 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं।

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