Weddings in India: भारत में हो रहीं 10 लाख करोड़ रूपये की शादियां,कमाई से 3 गुना ज्यादा खर्च कर रहे लोग

Indian Wedding Industry : इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री पर कैपिटल मार्केट फर्म जेफरीज (Jefferies) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री अमेरिकी वेडिंग इंडस्ट्री से दोगुना है|

Update: 2024-06-26 08:09 GMT

Indian Wedding Industry: भलें ही भारत में कितनी भी महंगाई हो लेकिन भारत में शादियों का अलग ही धूमधाम रहती है|भारतवासी जितना भी कमाते हो अपना अधिकधिक धन शादियों के लिए बचाते हैं|क्यों कि भारत में शादियां शान ओ शौकत दिखाने का एक माध्यम बन गई हैं, जिससे शादी का एक बड़ा बाजार उभर रहा है।हर परिवार शादी पर लगभग 12 लाख रुपये खर्च कर रहा है। भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री अब 130 अरब डॉलर का बाजार बन चुकी है, जो फूड और ग्रॉसरी के बाद दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। इसके और बढ़ने की पूरी संभावना है।

हर साल देश में 1 करोड़ शादिया

भारत में परिवारों की औसत वार्षिक आय 4 लाख रुपये है, इसके बावजूद वे अपनी आय का तीन गुना शादियों पर खर्च कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 80 लाख से 1 करोड़ शादियां होती हैं, जो विश्व में सबसे अधिक हैं। शादियों की वजह से ज्वेलरी, कपड़े, इवेंट मैनेजमेंट, कैटरिंग, और एंटरटेनमेंट जैसे व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में हो रही लग्जरी शादियों पर औसत से कहीं ज्यादा खर्च किया जा रहा है।

जमकर पैसा उड़ा रहे भारतीय

इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री अमेरिका से दोगुनी है, हालांकि यह चीन से छोटी है। जेफरीज का अनुमान है कि भारत में एक शादी पर औसतन 14,500 डॉलर या 12 लाख रुपये खर्च होते हैं। भारत में शादियों पर प्रति व्यक्ति आय का पांच गुना खर्च किया जा रहा है। एक भारतीय जोड़ा शादी पर शिक्षा के खर्च से दोगुना खर्च कर रहा है, जबकि अमेरिका में शादियों पर होने वाला खर्च शिक्षा के खर्च का आधा है। अमेरिका का वेडिंग मार्केट 70 अरब डॉलर और चीन का 170 अरब डॉलर है।

ज्वेलरी इंडस्ट्री रेवेन्यू

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इन दिनों भव्य प्री-वेडिंग इवेंट्स और क्रूज जैसे कार्यक्रमों पर भी अधिक खर्च हो रहा है। ज्वेलरी इंडस्ट्री का अधिकांश रेवेन्यू दुल्हन की ज्वेलरी की बिक्री से आता है।

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