Explainer : क्या होती है शैडो कैबिनेट? भारत में कब - कब बनी Shadow Cabinet
Shadow Cabinet Explainer : ब्रिटेन समेत कई वेस्टर्न कॉन्ट्रीज में शैडो कैबिनेट काफी पॉपुलर है लेकिन भारत के लिए भी यह कोई नया कांसेप्ट नहीं है।
Shadow Cabinet Explainer : भारत में आज जिस संसदीय व्यवस्था के तहत प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री सरकार चलाते हैं वह ब्रिटेन से ली गई थी। ब्रिटेन में एक और व्यवस्था है जो जल्द ही हमें देखने को मिल सकती है। वह व्यवस्था है शैडो कैबिनेट। इस कैबिनेट में शामिल विपक्ष के नेता सरकार की नीतियों और विभागों के कामकाज पर पैनी नजर रखते हैं। ब्रिटेन समेत कई वेस्टर्न कॉन्ट्रीज में शैडो कैबिनेट काफी पॉपुलर है लेकिन भारत के लिए भी यह कोई नया कांसेप्ट नहीं है। आइए जानते हैं क्या है शैडो कैबिनेट (what is Shadow Cabinet)...।
कैसे काम करती है शैडो कैबिनेट :
इस व्यवस्था के तहत विपक्ष एक मंत्रिमंडल बनाता है। इसमें शामिल नेताओं को केंद्रीय मंत्रियों के तरह ही विभाग या मंत्रालय दिए जाते हैं। जैसे किसी को गृह, किसी को वित्त, किसी को रक्षा, कृषि और रेलवे जैसे मंत्रालय दिए जाते हैं। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य इन मंत्रालयों और विभागों के कामकाज की निगरानी करना है। शैडो कैबिनेट की व्यवस्था इनफॉर्मल होती है। इनके निर्णय बाध्यकारी नहीं होते।
इन देशों में भी है शैडो कैबिनेट :
ब्रिटेन के अलावा यह व्यवस्था ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी अलग - अलग रूप में लागू है। इसका एक और उद्देश्य विपक्षी नेताओं को सरकार के काम काज से अवगत कराना भी होता है।
भारत में शैडो कैबिनेट के प्रयोग :
भारत में स्टेट लेवल पर शैडो कैबिनेट की व्यवस्था काफी समय से प्रचलित है। साल 2005 में महाराष्ट्र में भाजपा और शिव सेना ने मिलकर कांग्रेस सरकार के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए शैडो कैबिनेट का गठन किया था। ठीक ऐसा ही प्रयोग भाजपा ने गोवा, पंजाब और दिल्ली में भी किए। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने भी शैडो कैबिनेट का गठन किया था।