नई दिल्ली। जानलेवा कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया समेत भारत में भी कोहराम मचा रखा है। दुनियाभर में इस बीमारी से हजारों मौतें हुई हैं। भारत में भी इस वायरस ने 114 लोगों को लील लिया है। देश में अब तक 4,421 मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए क्या देश में 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन जारी रहेगा। ये सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि कई राज्यों से लॉकडाउन को जारी रखने की मांग की जा रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर ये स्पष्ट संकेत दिया है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकता है। इनके अलावा और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से इस बारे में फैसला लेने की अपील की है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान इस बात के संकेत दिए थे कि लॉकडाउन 15 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। ऐसे में अधिकारी इस बात को आश्वस्त करें कि कहीं पर भी भीड़ इकट्ठा न हो। हालांकि, सोमवार को प्रदेश सरकार के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी ने इस बात के संकेत दिए कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकता है। अवनीश अवस्थी ने कहा, 'लॉकडाउन खोलने पर अभी बोलना प्रीमैच्योर होगा। लॉकडाउन खोलने में अभी समय लगेगा। 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन की संभावना है। अगर प्रदेश में कोरोना का एक भी केस रहेगा तो लॉकडाउन नहीं खुलेगा। जीवन सबसे पहले है।'
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने भी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील किया कि कोविड-19 के मद्देनजर देश में लागू 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को 14 अप्रैल के बाद विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है। मैं 15 अप्रैल के बाद भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के पक्ष में हूं, क्योंकि हम आर्थिक समस्याओं से उबर सकते हैं, लेकिन हम जीवन नहीं लौटा सकते। हम लोगों की जान नहीं लौटा सकते। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ देश का एकमात्र हथियार लॉकडाउन है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन पर फैसला लिया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए अगर लॉकडाउन की जरूरत पड़ती है तो इसे आगे भी बढ़ाया जाना चाहिए। शिवराज ने कहा कि लोगों की जान ज्यादा कीमती है अर्थव्यवस्था को तो बाद में भी बढ़ा लेंगे छह-सात महीने लग सकते हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि अगर सब लोग मिलकर काम करेंगे तो अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। फिलहाल जरूरी यह है कि लोगों की जान बचाई जाए इसलिए इनको ध्यान में रखकर कोई फैसला लेना चाहिए।
गहलोत ने कहा, 'जिन राज्यों और जिन देशों ने कोरोना को गंभीरता लिया वहां इसका प्रसार नहीं हो पाया। राजस्थान भी उनमें से एक है।' अपनी सरकार की ओर से उठाए गए कई कदमों का उल्लेख करते हुए गहलोत ने कहा कि इस मुश्किल समय में राजस्थान की जनता में विश्वास पैदा हुआ है। तबलीगी जमात के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है। किसी ने गलती की है तो सजा मिलनी चाहिए। ऊपरी अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से इस मामले की जांच करानी चाहिए जिससे पूरी स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर ऐसा माहौल बना दिया गया है जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई के समय नहीं होना चाहिए। लॉकडाउन हटाने के मुद्दे पर चार और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात कही है।